मुंबई के नरीमन हाउस में आतंकियों के खिलाफ ऑपरेशन लगभग समाप्त हो चुका है. एनएसजी के कमांडो अब थोड़ी राहत की मुद्रा में आ गए हैं. सेना के उच्चाधिकारी इस भवन के पीछे आकर विदेशी नागरिकों से हाथ मिला रहे हैं. संभवत: ये विदेशी इजरायली नागरिक हैं.
आज सुबह स्थिति बहुत ही तनावपूर्ण थी, जब कमांडो हेलिकॉप्टरों से नरीमन हाउस की छत पर उतारे जा रहे थे. कमांडो भवन की चौथी मंजिल के अंदर दाखिल हुए. इसके बाद अंदर से दो जोरदार धमाके सुने गए. अब तक यह स्पष्ट नहीं हो पाया है कि भवन के अंदर कितने आतंकी और कितने सेनाधिकारी मौजूद हैं.
शुक्रवार सुबह नरीमनर हाउस में तीन जोरदार धमाके हुए. मृतकों की संख्या अब 127 तक जा पहुंची है.
सेना के ब्रिगेडियर बॉबी मैथ्यू ने जानकारी दी है कि होटल ताज के अंदर करीब 2-3 आतंकवादी मौजूद हो सकते हैं. साथ ही उन्होंने जानकारी दी कि होटल में करीब 15-20 मेहमान अभी भी मौजूद हैं. दूसरी ओर होटल ओबराय में बंधकों पर गोली चलने की खबर आ रही है. कई बंधकों के मारे जाने की बात कही जा रही है. इससे पहले एक ग्रेनेड के ब्लास्ट होने की सूचना थी.
मुंबई में आतंकवादी हमलों में मरने वालों की संख्या बढ़कर 127 तक पहुंच गई है. गृह मंत्रालय की ओर जारी आंकड़ों के मुताबिक मरने वालों में 6 विदेशी नागरिक और 14 पुलिसकर्मी शामिल हैं. आंकड़ों के मुताबिक हमलों में 327 लोग घायल हुए हैं.
घायलों में 26 पुलिसवाले और 7 विदेशी शामिल हैं. मुठभेड़ में अब तक 7 आतंकवादी मारे गए हैं. जो 14 पुलिस वाले शहीद हुए हैं, उनमें एटीस के प्रमुख हेमंत करकरे, डीआईजी अशोक काम्टे और एनकाउंटर स्पेशलिस्ट विजय सालस्कर शामिल हैं. मुंबई वीटी स्टेशन पर आतंकियों की गोली का शिकार होनेवालों में होमगार्ड के जवान मुकेश जाधव भी थे.
बुधवार को जिस समय हमले शुरु हुए, उस समय मुख्य फोटाग्राफर भास्कर पॉल भी घटनास्थल पर मौजूद थे. दहशत के पलों को उन्होंने किस तरह जिया, पेश है उसका ब्योरा:
{mosimage}आप कह सकते हैं कि मैं उन भाग्यशाली लोगों में हूं, जो हमले के वक्त घटनास्थल पर मौजूद थे. जब मैंने फायरिंग की बात सुनी, तो पहले मैंने इस ओर ज्यादा ध्यान नहीं दिया. बाद में मैंने जाना कि जरूर कुछ गड़बड़ है. तब मैंने अपने कैमरे को तैयार किया. यह रात बहुत लंबी गुजरने वाली थी.
समझा जा रहा है कि आतंकी समुद्र के रास्ते मुंबई में दाखिल हुए. पहला धमाका कोलाबा मार्केट में एक पेट्रोल पंप के पास हुआ. यह इलाका बुधवार पार्क से बेहद करीब है, जहां से आतंकी पहली बार महानगर में आए. हमलावर कोलाबा मार्केट के ही एक सात मंजिले भवन में छिपे हुए थे.{mospagebreak} पुलिस ने बुधवार पार्क से एक पीले रंग की नाव बरामद की. पुलिस ने दावा किया है कि हमलावरों ने इसी बोट का उपयोग किया था. पुलिस ने इस नाव से कुछ अन्य चीजें की जब्त की हैं, पर उसका ब्योरा नहीं दिया गया है. इस वोट पर छह लोग आराम से बैठ सकते थे. इस नाव ने आतंकियों को कितनी बार ढोया यह किसी को मालूम नहीं है. यही वजह है कि हमले में शामिल आतंकियों की कुल संख्या अब तक अज्ञात है.
गिरगांव के चौपाटी बिच के निकट पुलिस ने दो आतंकियों को मार गिराया और दो आतंकियों को घायल कर दिया. अलग-अलग इलाकों को निशाना बनाने के क्रम में आतंकियों ने दो वाहनों को भी कब्जे में कर लिया. इनमें से एक क्रीम रंग की स्कोडा कार और एक क्वालिस शामिल है. बाद में पुलिस ने इन वाहनों को बरामद कर लिया, जो खून से सने थे. इनकी खिड़कियां भी टूटी हुई थीं.
{mosimage}उस समय का दृश्य उल्लेखनीय है, जब रैपिड एक्शन फोर्स और एनएसजी के सुरक्षाकर्मी होटल ताज मेहमानों की सुरक्षा कर रहे थे और मेहमान सीढि़यों से बचाए जा रहे थे. छत्रपति शिवाजी टर्मिनल के दृश्य बहुत की हृदयविदारक थे, जहां के प्लेटाफॉर्म खून और शवों से भरे पड़े थे. मैं लगभग रो पड़ा था. सुबह होने के बाद भी पूरा स्टेशन वीरान नजर आ रहा था और ज्यादातर ट्रेनें लगभग खाली ही जा रही थीं.
पुलिस का दावा है कि हमलों में एके-47 और हैंड ग्रेनेड इस्तेमाल किए गए. घायलों को जे. जे. अस्पतल में भरती कराया गया. ज्यादातर घायलों को सेंट जॉर्ज अस्पताल ले जाया गया, जो कि छत्रपति शिवाजी टर्मिनल से करीब है. जिस क्रम में हमले हुए, वे इस प्रकार हैं- कोलाबा मार्केट, ताज होटल, ओबराय होटल, परेल हाइवे के रास्ते छत्रपति शिवाजी टर्मिनल.