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मंगल मिशन पर लगा 15 दिनों का 'ग्रहण'

भारत के मंगलयान पर सोमवार सुबह ग्रहण लग गया. पृथ्वी और मंगल के बीच सूर्य के आ जाने से मंगल अगले 15 दिनों के लिए सूर्य के पीछे छिप गया है.

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भारत के मंगलयान पर सोमवार सुबह ग्रहण लग गया. पृथ्वी और मंगल के बीच सूर्य के आ जाने से मंगल अगले 15 दिनों के लिए सूर्य के पीछे छिप गया है.

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एक वरिष्ठ अंतरिक्ष विज्ञानी ने यह जानकारी दी. भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के एक वैज्ञानिक नेबताया, 'मंगलयान 15 दिनों के लिए अंधेरे में (ब्लैकआउट) चला गया है, क्योंकि सूर्य के पृथ्वी और मंगल के बीच आ जाने से मंगल 22 जून तक के लिए सूर्य के पीछे छिप गया है और इससे अंतरिक्ष यान के साथ हमारा संपर्क भी बाधित रहेगा.'

भारत का मंगलयान 24 सितंबर 2014 को मंगल की कक्षा में पहुंचा था. 1,340 किलोग्राम का अंतरिक्ष यान छह महीने की पूर्व निर्धारित अवधि 24 मार्च को पूरा करने के बाद शेष ईंधन की सहायता से अब भी मंगल की कक्षा में सक्रिय है. इसरो के वैज्ञानिक ने बताया, 'सौर-प्रणाली में सूर्यग्रहण या ब्लैकआउट एक ब्रह्मांडीय घटना है, इसलिए चिंता की कोई बात नहीं है.

मंगलयान को पहले ही जरूरी निर्देश भेजकर ऑटोमेटिक मोड पर डाल दिया गया है, इसलिए वह इस ग्रहण के दौरान सुरक्षित रहेगा. अधिकारी ने हालांकि स्वीकार किया मंगल यान के लाल ग्रह की कक्षा में स्थापित होने के बाद से पहली बार यान और पृथ्वी के बीच संपर्क इतनी लंबी अवधि (15 दिन) तक बाधित रहेगा. अंतरिक्ष यान को ब्लैकआउट की इस अवधि के लिए पहले से तैयार रखा गया है.

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अधिकारी ने कहा, 'ब्लैकआउट अवधि के दौरान हमारा नेटवर्क कोई सूचना या संकेत भेज या प्राप्त नहीं कर सकेगा, लेकिन ब्लैकआउट की अवधि पूरी होने के बाद हम यान से दोबारा संपर्क स्थापित कर लेंगे.' बेंगलुरु में इसरो की ट्रैक एंड कमांड नेटवर्क सेंटर ने ग्रहण के दौरान मंगलयान के खुद को सुरक्षित रखने की क्षमता का परीक्षण पहले से कर लिया था.

इसरो के अधिकारी ने कहा, 'मंगलयान चूंकि मंगल ग्रह की कक्षा में अतिरिक्त अवधि में सक्रिय है, इसलिए मंगल की गर्म लाल सतह से एक सुरक्षित दूरी पर ग्रह के चक्कर लगाने की इसकी क्षमता हमारे लिए अप्रत्याशित लाभप्रद साबित हुई है.'

याद रहे कि भारत ने बीते साल अपने पहले ही प्रयास में मंगल के गुरुत्वाकर्षण प्रभाव क्षेत्र में अंतरिक्ष यान स्थापित कर विश्व कीर्तिमान रचा था. मंगलयान पृथ्वी के अनुसार 3.2 दिनों या 72 घंटे 51 मिनट एवं 51 सेकेंड में मंगल ग्रह का एक चक्कर पूरा करता है.

इनपुट IANS

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