10 साल पहले अंतरिक्ष में हुए हादसे पर बड़ा खुलासा. कल्पना चावला की मौत से जुड़ा एक बड़ा राज, जो अब दुनिया के सामने आ गया है.
जिस दिन कल्पना चावला ने अंतरिक्ष के लिए उड़ान भरी थी, उसी दिन तय हो गई थी उनकी मौत. सिर्फ कल्पना ही नहीं, उनके साथ गए 7 यात्रियों के अंत का अलार्म भी डिस्कवरी की उड़ान के साथ बज चुका था. 16 दिन ये लोग मौत के साये में रहे. नासा सब जानता था लेकिन उसने किसी को को कुछ नहीं बताया.
चौंकिये मत ये सच है और यही सच है. कोलंबिया स्पेस शटल के उड़ान भरते ही पता चल गया था कि ये सुरक्षित जमीनपर नहीं उतरेगा, तय हो गया था कि सातों अंतरिक्ष यात्री मौत के मुंह में ही समाएंगे. फिर भी उन्हें इसकी जानकारी नहीं दी गई. बात हैरान करने वाली है, लेकिन यही सच है. इसका खुलासा मिशन कोलंबिया के प्रोग्राम मैनेजर ने किया है.
अंतरिक्ष यात्रा के 16 दिन तक हर पल मौते के साये में स्पेस वॉक करती रहीं कल्पना चावला और उनके 6 साथी. उन्हें इसकी भनक तक नहीं लगने दी गई कि वो सुरक्षित धरती पर नहीं आ सकते. वो जी जान से अपने मिशन में लगे रहे, वो पल-पल की जानकारी नासा को भेंजते रहे लेकिन बदले में नासा ने उन्हें इल्म तक नहीं होने दिया कि वो धरती को हमेशा-हमेशा के लिए छोड़कर जा चुके हैं, उनके शरीरके टुकड़ों को ही लौटना है.
सवाल ये है कि आखिर नासा ने ऐसा क्यों किया? क्यों उसने छुपा ली जानकारी अंतरिक्ष यात्रियों से और उनके परिवार वालों से और अब दस साल बाद इसे क्यों बताया जा रहा है. मिशन कोलंबिया के प्रोग्राम मैनेजर की अपनी दलीले हैं.
नासा के वैज्ञानिक दल नहीं चाहते थे कि मिशन पर गये अंतरिक्ष यात्री घुटघुट अपनी जिंदगी के आखिरी लम्हों को जिएं. उन्होंने बेहतर यही समझा कि हादसे का शिकार होने से पहले तक वो मस्त रहे. मौत तो वैसे भी आनी ही थी.
वेन हेल के मुताबिक, अगर अंतरिक्ष यात्रिय़ों को जानकारी होती तो भी वो कुछ नहीं कर सकते थे. हद से हद ऑक्सीजन रहने तक वो अंतरिक्ष का चक्कर ही लगा सकते थे, ऑक्सीजन खत्म होने पर वैसे भी उनकी जान चली ही जाती. ये खुलासा इतना सनसनीखेज है कि कई लोग इसपर यकीन करने को तैयार नहीं. कोलंबिया स्पेस शटल की फ्लाइट इंजीनियर कल्पना चावला के पिता ने भी इसे खारिज कर दिया है.
इस पूरे मामले पर नासा ने फिलहाल चुप्पी साध रखी है. उसने तबके प्रोग्राम मैने वेन हेल की बातों का ना तो खंडन किया है और ना ही उसे सच करार दिया है. ये चुप्पी कई सवालों को जन्म देती है.