दिल्ली की वायु गुणवत्ता में लगातार गिरावट दर्ज की जा रही है. सोमवार को भी स्थिति खराब रही, जिसके मद्देनजर अधिकारियों ने आशंका जताई कि यह अभी और खराब हो सकती है. दिल्ली-एनसीआर की इस हालात के लिए मुख्य रूप से आसपास के इलाकों में पराली जलने को बड़ा कारण माना जाता है. इस बीच नासा (नेशनल एयरोनॉटिक्स एंड स्पेस एडमिनिस्ट्रेशन) ने कुछ सेटेलाइट तस्वीरें जारी की हैं, जिससे यह साबित हो रहा है कि पिछले साल की तुलना में इस साल पराली जलाने का स्तर घटा है.
नासा (NASA) की उपग्रह तस्वीरों से पता चलता है कि पंजाब और हरियाणा में किसानों ने इस महीने के शुरू में पराली जलाना शुरू किया है. नासा ने अपनी वेबसाइट पर कहा कि पंजाब और हरियाणा में पिछले 10 दिनों में, खासकर अमृतसर, अंबाला, करनाल, सिरसा और हिसार समेत इनके आसपास के क्षेत्रों में पराली जलाए जाने का स्तर बढ़ा है. हालांकि, ये 2017 की तुलना में कम है.
(2018 की तस्वीर)
(2017 की तस्वीर)
14 अक्टूबर की है तस्वीर
यह उपग्रह तस्वीर 14 अक्टूबर की है. नासा के मुताबिक, पिछले साल 14 अक्टूबर को जो तस्वीर ली गई थी, उसमें कहीं अधिक लाल निशान देखे जा सकते हैं, यानी इसी दिन पिछले साल बड़े स्तर पर पराली जलाई गई थी. जबकि इस साल 14 अक्टूबर की जो तस्वीर है, वो थोड़ा राहत देने वाली है, क्योंकि उसमें लाल निशान काफी कम नजर आ रहे हैं.
इमरजेंसी योजना लागू
दिल्ली-एनसीआर में वायु प्रदूषण से निपटने के लिए एक आपातकालीन योजना सोमवार को लागू की गई जिसमें मशीनों से सड़कों की सफाई और इस क्षेत्र के भीड़भाड़ वाले इलाकों में वाहनों के सुचारू आवागमन के लिए यातायात पुलिस की तैनाती जैसे उपाय शामिल होंगे.
दिल्ली में स्थिति चिंताजनक
आंकड़ों के अनुसार दिल्ली में प्रदूषक तत्व 10 का स्तर 205 और प्रदूषक तत्व 2.5 का स्तर 106 दर्ज किया गया. अधिकारियों ने आगामी दिनों में वायु गुणवत्ता के और खराब होने की आशंका जताई है. वायु गुणवत्ता और मौसम पूर्वानुमान एवं अनुसंधान प्रणाली (सफर) के अनुसार सोमवार को शाम चार बजे राजधानी का कुल वायु गुणवत्ता सूचकांक (ए क्यू आई) 218 दर्ज किया गया जो खराब श्रेणी में आता है. जबकि रविवार को ए क्यू आई 201 था और शनिवार को शाम चार बजे यह 300 था जो खराब श्रेणी में आता है.