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RSS की पत्रिका में छपा लेख, 'नाथूराम गोडसे को गांधी की बजाए नेहरू को निशाना बनाना चाहिए था'

केरल के आरएसएस के मुखपत्र 'केसरी' ने एक विवादास्पद लेख छापा है. इस लोकसभा चुनाव में उम्मीदवार रहे एक बीजेपी नेता ने इसमें ल‍िखा है कि नाथूराम गोडसे को गांधीजी की बजाए जवाहरलाल नेहरू को निशाना बनाना चाहिए था.

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महात्मा गांधी के साथ जवाहरलाल नेहरू
महात्मा गांधी के साथ जवाहरलाल नेहरू

केरल के आरएसएस के मुखपत्र 'केसरी' ने एक विवादास्पद लेख छापा है. इस लोकसभा चुनाव में उम्मीदवार रहे एक बीजेपी नेता ने इसमें लिखा है कि नाथूराम गोडसे को गांधीजी की बजाए जवाहरलाल नेहरू को निशाना बनाना चाहिए था.

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लेख में कहा गया है कि देश के विभाजन के लिए नेहरू जिम्मेदार थे. साथ ही आरोप लगाया गया है कि नेहरू के मन में राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के प्रति कोई श्रद्धा नहीं थी. बीजेपी नेता बी. गोपालकृष्णन ने इसमें लिखा है कि नाथूराम ने तो गांधीजी पर गोली चलाने से पहले उनके प्रति सम्मान का भाव भी दिखाया, जबकि नेहरू ने कभी भी सच्चे दिल से गांधीजी का आदर नहीं किया.

दो भागों में प्रकाशित होने वाले लेख में बी. गोपालकृष्ण ने लिखा है, 'देश की सभी दुर्भाग्यपूर्ण घटनाओं और महात्मा गांधी की शहादत के लिए नेहरू की स्वार्थपूर्ण सियासत जिम्मेदार थी.' इसमें कहा गया है कि अगर कोई इतिहास और विभाजन से जुड़े दस्तावेजों की गहराई से पड़ताल करे, तो वह पाएगा कि देश के विभाजन के लिए पूरी तरह नेहरू ही जिम्मेदार थे.

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गोपालकृष्णन ने लिखा है कि गांधीजी की शहादत के पीछे आरएसएस की कोई भूमिका नहीं थी. इसमें कहा गया है कि गांधीजी की शहादत के लिए हिंदू संगठन को जिम्मेदार ठहराए जाने के पीछे भी नेहरू का ही आइडिया काम कर रहा था.

लेख में कहा गया है कि नेहरू के मन में दुनिया का बड़ा नेता बनने की आकांक्षा थी. नेहरू को स्वार्थी करार दिया गया है.

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