भारतीय संसद पर हुए आतंकी हमले को आज 16 साल हो गए हैं, इस मौके पर देश हमले में शहीद हुए अपने बहादुरों को याद कर रहा है. संसद परिसर में आतंकी हमले में शहीद हुए जवानों को श्रद्धांजलि दी गई. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू, लोकसभा स्पीकर सुमित्रा महाजन, विपक्ष के नेता गुलाम नबी आजाद, सोनिया गांधी, राहुल गांधी, डॉक्टर मनमोहन सिंह, एल के आडवाणी सहित कई नेताओं ने हमले में शहीद हुए जवानों को श्रद्धांजलि दी.
संसद हमले की बरसी के मौके पर राज्यसभा में विपक्ष के नेता गुलाम नबी आजाद ने कहा कि इसी दिन पाकिस्तानी आतंकवादियों ने हमारे लोकतंत्र पर हमला किया था. उन्होंने कहा कि सभी दल देश के लोकतंत्र की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध हैं और लोकतंत्र को खत्म नहीं होने देंगे. आजाद ने कहा कि पाकिस्तान कितनी भी कोशिश करले लेकिन भारत का जो तिरंगा है वो हमेशा ऊंचा रहेगा. राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने शहीदों को याद किया.
कृतज्ञ राष्ट्र उन बहादुरों को याद करता है जो 16 साल पहले आतंकवादियों से संसद भवन की रक्षा करते हुए शहीद हो गए। आतंक फैलाने वाली शक्तियों ने हमारे जनतंत्र और जनतांत्रिक मूल्यों पर हमला किया था। वे सफल नहीं हो सके। और हम उन्हें कभी सफल नहीं होने देंगे – राष्ट्रपति कोविन्द
— President of India (@rashtrapatibhvn) December 13, 2017
शहीदों को याद करते हुए केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने ट्वीट किया कि लोकतंत्र के मंदिर को अपना बलिदान देकर बचाने वाले शहीदों को नमन करता हूं. वित्त मंत्री अरुण जेटली ने शहीदों को याद करते हुए ट्वीट किया कि हमारे वीर जवानों ने अदम्य साहस का परिचय दिया, उन्हें आदर के साथ श्रद्धांजलि देता हूं.
On 13/12/2001 our brave soldiers dispelled a terror attack on the Parliament house and displayed exemplary courage. We remember and salute the valour and national service of our security forces and pay respectful tribute to the martyrs.
— Arun Jaitley (@arunjaitley) December 13, 2017
इस मौके पर शहीद जवानों के परिवार के लोग भी यहां मौजूद थे. आतंकियों ने 13 दिसंबर 2001 को संसद पर हमला किया था. आतंकी हमले में दिल्ली पुलिस के 6 जवान और दो संसद की सुरक्षा में लगे जवान शहीद हुए थे. संसद परिसर का एक कर्मचारी भी इस हमले में शहीद हुआ था. लेकिन सुरक्षाबलों ने जवाबी कार्रवाई में सभी आतंकियों को मार गिराया था. 2001 से लगातार संसद भवन में 13 दिसंबर को इन शहीद जवानों को श्रद्धांजलि दी जा रही है.