जून से लेकर सितंबर महीने के दौरान पूरे देश भर में मॉनसून की बारिश सामान्य के मुकाबले 9 फीसदी कम दर्ज की गई है. इस दौरान देश के 69 फीसदी हिस्से में सामान्य से ज्यादा बारिश रिकॉर्ड की गई है, तो वहीं 31 फीसदी हिस्से में बारिश की कमी दर्ज की गई. मौसम विभाग के मुताबिक मॉनसून की वापसी का सिलसिला शुरू हो चुका है और अक्टूबर की शुरुआत से ही तमिलनाडु में मॉनसून के लौटने की सुगबुगाहट शुरू हो जाएगी.
पूर्वोत्तर भारत में कम हुई बारिश
इस बार देशभर में मॉनसून के सीजन के दौरान हुई बारिश पर नजर डालें तो 887.5 मिलीमीटर की सामान्य बारिश के मुकाबले 804 मिलीमीटर की बारिश रिकॉर्ड की गई. पूर्वोत्तर भारत में सामान्य के मुकाबले 24 फीसदी बारिश कम रिकॉर्ड की गई. अरुणाचल प्रदेश की बात करें तो यहां पर मॉनसून के दौरान बारिश में 32 फीसदी की कमी देखी गई. असम और मेघालय में भी मॉनसून के सीजन के दौरान बारिश में 26 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई. झारखंड की बात करें तो यहां पर मॉनसून की बारिश 28 प्रतिशत कम रही. वहीं बिहार में इस साल मॉनसून की घटाएं कम मेहरबान रहीं. यहां पर जून से लेकर सितंबर के दौरान मॉनसून की बारिश सामान्य के मुकाबले 25 फीसदी कम दर्ज की गई. पश्चिम बंगाल की बात करें तो यहां पर मॉनसून के सीजन में सामान्य के मुकाबले बारिश में 20 फीसदी की कमी दर्ज की गई.
कुछ जगहों को छोड़ मध्य भारत में सामान्य रही बारिश
मध्य भारत में इस साल मॉनसून के सीजन के दौरान पिछले कई सालों के बाद सामान्य से कम बारिश रिकॉर्ड की गई है. मध्य भारत में मॉनसून के सीजन के दौरान सबसे ज्यादा कमी गुजरात में दर्ज की गई है यहां पर सामान्य के मुकाबले बारिश में 24 फ़ीसदी और सौराष्ट्र-कच्छ में 34 फीसदी की कमी रिकॉर्ड की गई है. मराठवाड़ा की बात करें तो यहां पर मॉनसून के सीजन में बारिश में 22 फीसदी की भारी गिरावट देखी गई. उड़ीसा की बात करें तो यहां पर राहत की खबर है, यहां पर सामान्य मॉनसून रिकॉर्ड किया गया. वहीं छत्तीसगढ़ में मॉनसून की बारिश सामान्य के मुकाबले चार फीसदी कम रही. मध्य महाराष्ट्र की बात करें तो यहां पर मॉनसून के सीजन के दौरान बारिश सामान्य के मुकाबले 9 फीसदी कम दर्ज की गई.
उत्तर पश्चिम भारत में भी सामान्य रही बारिश
उत्तर पश्चिम भारत में इस बार मॉनसून की बारिश सामान्य रही है. यहां पर जून से लेकर सितंबर के दौरान 615 मिलीमीटर की सामान्य बारिश के मुकाबले 603.2 मिलीमीटर की बारिश रिकार्ड की गई. जो सामान्य के मुकाबले 2 फीसदी कम है. लेकिन इसको सामान्य बारिश की कैटेगरी में ही रखा जाता है. आंकड़ों पर नजर डालें तो पूरे उत्तर प्रदेश में इस बार मॉनसून के दौरान सामान्य बारिश के मुकाबले 16 फीसदी की कमी रिकॉर्ड की गई है. पश्चिमी राजस्थान में मॉनसून की बारिश सामान्य बारिश के मुकाबले 23 फीसदी कम दर्ज की गई. हिमाचल प्रदेश में मॉनसून के सीजन में सामान्य के मुकाबले 11 फीसदी ज्यादा बारिश दर्ज की गई. जम्मू-कश्मीर की बात करें तो यहां पर मॉनसून की बारिश सामान्य के मुकाबले 12 फीसदी ज्यादा रिकॉर्ड की गई. हरियाणा, चंडीगढ़, दिल्ली की बात करें तो यहां पर मॉनसून के सीजन में सामान्य के मुकाबले बारिश 9 फीसदी कम दर्ज की गई है. उत्तराखंड में मॉनसून के सीजन में सामान्य बारिश के मुकाबले 3 फीसदी कम बारिश रिकॉर्ड की गई. पश्चिमी उत्तर प्रदेश में मॉनसून के सीजन में बारिश सामान्य के मुकाबले 1 फीसदी ज्यादा दर्ज की गई.
दक्षिण भारत में कम हुई बारिश
अब बात करते हैं दक्षिण भारत की तो यहां पर सामान्य के मुकाबले मॉनसून की बारिश एक बार फिर कम दर्ज की गई है. केरल में सितंबर के महीने में हुई अतिवृष्टि के चलते मॉनसून के सीजन में बारिश सामान्य के मुकाबले 23 फीसदी ज्यादा रिकॉर्ड की गई. साउथ इंटीरियर कर्नाटक में मॉनसून के सीजन के दौरान बारिश सामान्य के मुकाबले 4 फीसदी ज्यादा दर्ज की गई तो वही नार्थ इंटीरियर कर्नाटक में मॉनसून के सीजन में बारिश में भारी कमी रही. यहां पर सामान्य बारिश के मुकाबले बारिश में 29 फीसदी की भारी गिरावट देखी गई. रायलसीमा की बात करें तो यहां मॉनसून के सीजन में बारिश सामान्य के मुकाबले 37 फीसदी कम रिकॉर्ड की गई. लक्षद्वीप द्वीप समूह में इस बार मॉनसून के बादल रूठे रहे यहां पर सामान्य बारिश के मुकाबले बारिश में 45 फीसदी कम रिकॉर्ड की गई. तेलंगाना में मॉनसून के सीजन में बारिश सामान्य के मुकाबले 2 फीसदी कम रिकॉर्ड की गई. वहीं कोस्टल आंध्र प्रदेश में मॉनसून के सीजन में बारिश सामान्य रही.