नेशनल हेराल्ड केस में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और उपाध्यक्ष राहुल गांधी को भले ही फौरी राहत मिल गई हो, लेकिन मामले में सड़क से सदन तक सियासी संग्राम छिड़ गया है. राहुल गांधी ने मंगलवार को जहां इसे सीधे-सीधे बदले की साजिश बता दिया, वहीं सरकार की तरफ से वित्त मंत्री अरुण जेटली ने भी कांग्रेस को खुली बहस की चुनौती दे दी.
राहुल गांधी ने बयान भले ही पुड्डचेरी में दिया, लेकिन इसका असर राज्यसभा में देखने को मिला. कांग्रेस ने सदन में मुद्दा उठाते हुए जमकर हंगामा किया. इस दौरान कांग्रेस के सांसद वेल में भी उतर गए. ऐसे में वित्त मंत्री अरुण जेटली ने राज्यसभा में कांग्रेस के सामने नेशनल हेराल्ड केस पर फौरन चर्चा का प्रस्ताव रख दिया. मंत्री ने कहा कि वह मामले में अभी जवाब देने को तैयार हैं, लेकिन पहले हंगामा बंद किया जाए.
जेटली ने कहा, 'नेशनल हेराल्ड मामले में राजनीतिक बदले की कोई बात नहीं है. कांग्रेस के नेताओं को अदालत के समक्ष पेश होना चाहिए. यह एक निजी तौर पर दायर शिकायत पर आधारित मामला है और सरकार का इससे कोई लेना देना नहीं है.' वित्त मंत्री ने आगे कहा कि सरकार ने किसी के खिलाफ कोई नाजायज कदम नहीं उठाया है. उन्होंने कहा कि सपा या बीएसपी के खिलाफ जो बातें कहीं गई हैं, वे कांग्रेस के जमाने में होती थीं.
'यह राजनीतिक प्रतिशोध की कार्रवाई है'
जेटली ने कहा एक गलतबयानी के बाद किसी दूसरे को बोलने नहीं देना उचित नहीं है. उन्होंने कहा कि सरकार चाहती है कि भ्रष्टाचार पर तुरंत चर्चा शुरू हो और हम इसके लिए तैयार हैं. इससे पहले कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद ने कहा कि हम न्याय चाहते हैं और चाहते हैं कि संविधान के अनुसार देश चले जहां सत्तापक्ष और विपक्ष दोनों को समान रूप से न्याय मिले और दोनों के लिए कानून अलग अलग नहीं हों.
आजाद ने आरोप लगाया कि राजनीतिक प्रतिशोध से कार्रवाई की जा रही है. उन्होंने कहा कि लोकसभा चुनाव के दौरान बीजेपी द्वारा कांग्रेस मुक्त भारत बनाए जाने की बात की जाती थी. लेकिन अब ऐसा लग रहा है कि वे कांग्रेस ही नहीं विपक्ष मुक्त भारत चाहते हैं.
स्थगित करनी पड़ी कार्यवाही
आजाद की बात समाप्त होते ही सदन के नेता और वित्त मंत्री अरुण जेटली ने बोलने का प्रयास किया, लेकिन कांग्रेस के सदस्य आसन के समक्ष आकर फिर से नारेबाजी करने लगे. इस बीच कांग्रेस के कई सदस्यों के आसन के समक्ष आकर नारेबाजी करने के कारण उपसभापति पीजे कुरियन ने बैठक करीब सवा तीन बजे पूरे दिन के लिए स्थगित कर दी. इसके पहले सुबह बैठक शुरू होते ही कांग्रेस सदस्य आसन के समक्ष आ गए और सरकार पर बदले की राजनीति करने का आरोप लगाते हुए नारेबाजी करने लगे.
खूब लगे 'तानाशाही' के नारे
कांग्रेस सांसदों ने सदन में इस दौरान 'मोदी तेरी तानाशाही नहीं चलेगी' के भी नारे लगाए, जिस पर मुख्तार अब्बास नकवी ने तंज कसते हुए कहा कि कांग्रेस वालों को नारा लगाकर अभ्यास करने दें. अभी 15 साल कांग्रेस को नारेबाजी ही करनी है.
कांग्रेस के हंगामे पर संसदीय कार्यमंत्री वेंकैया नायडू ने कहा कि गलत करने वाले ही डरते हैं. सरकार कानून के मुताबिक काम कर रही है.