नेशनल हेराल्ड मामले में इनकम टैक्स विभाग के टैक्स असेसमेंट से जुड़े नोटिस को चुनौती देने वाली राहुल गांधी, सोनिया गांधी और ऑस्कर फर्नांडिस की याचिका पर दिल्ली हाईकोर्ट ने फैसला सुरक्षित रखा है. इस मामले में दिल्ली हाईकोर्ट फैसला 10 सितंबर को सुनाएगा.
दरअसल, राहुल और सोनिया गांधी ने याचिका दायर कर इनकम टैक्स डिपार्टमेंट की उस नोटिस को चुनौती दी है जिसमें नेशनल हेराल्ड और यंग इंडिया के टैक्स मूल्यांकन की दोबारा जांच करने को कहा गया है.
दिल्ली हाई कोर्ट में सुनवाई के दौरान एडिशनल सॉलिसिटर जनरल (एएसजी) तुषार मेहता ने कहा कि पहले यंग इंडियन के 2010 में केवल दो शेयर होल्डर के पास 550 शेयर थे. फिर इसे 100 रुपये प्रति शेयर के दर से खरीदा गया था. ये जानकारी एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड (एजेएल) से हमें मिली. शेयर का मार्केट वैल्यू भी चेक किया जाता है. लेकिन इस मामले में ऐसा नहीं किया गया.
तुषार मेहता ने कहा कि प्राथमिक जांच से इनकम से जुड़ी जो जानकारी मिली वो ज्यादा थी. तुषार मेहता ने कहा कि आप जो शेयर खरीदते हैं वो उस समय के मार्केट वैल्यू से देखें तो इनकम के बारे में जानकारी मिलती है. इस कंपनी में भी नियम है कि जब भी शेयर बेचा या ट्रांसफर किया जाता है तब ऑडिट मार्केट के मुताबिक होता है.
वहीं, 100 रुपये प्रति शेयर ख़रीदे गए शेयर की कीमत ज्यादा थी. उन्होंने आगे कहा कि प्रॉपर्टी में इंटरेस्ट यंग इंडिया कंपनी का है. 90 करोड़ यंग इंडिया ने एक्वायर किया था, और ऐसा लगता है कि यंग इंडिया कंपनी ने एजेएल को टेक ओवर केवल प्रॉपर्टी हासिल करने के लिए किया. इसके बाद यंग इंडिया रियल स्टेट के काम करने लगा जो एजेएल करता था.
जस्टिस एस रविन्द्र भट्ट ने तुषार मेहता से पूछा कि क्या आप कहना चाहते हैं कि जब शेयर अलॉट किया गया उस वक्त शेयर की मार्केट वैल्यू ज्यादा थी. इस पर तुषार मेहता ने जवाब दिया कि बिल्कुल, हम यही कह रहे हैं.जबकि सोनिया गांधी के लिए वकील के तौर पर पेश हुए पी चिदंबरम ने कहा कि 26 फरवरी 2012 को यंग इंडिया ने याचिकाकर्ता (सोनिया राहुल) को शेयर दिया. एजेएल क्या करता है, किसको चेक देते हैं, इससे मेरे क्लाइंट का क्या लेना-देना है? लेकिन इनकम टैक्स विभाग की तरफ से पेश तुषार मेहता ने कहा कि हमें सबसे मतलब है. ये टैक्स चोरी से जुड़ा मामला है.