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गोकशी मामले में रासुका लगाने पर विवाद बढ़ा, कांग्रेस MLA ने कमलनाथ को लिखा पत्र

मध्य प्रदेश में गोकशी के मामले में रासुका लगाने पर विवाद गहराता जा रहा है. स्थानीय प्रशासन के इस कदम का सत्ताधारी कांग्रेस के नेता ही विरोध कर रहे हैं. भोपाल मध्य के विधायक ने तो इस मामले में सीएम कमलनाथ को पत्र तक लिख दिया है.

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कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी (फोटो-रवीश पाल सिंह)
कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी (फोटो-रवीश पाल सिंह)

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मध्य प्रदेश के खंडवा में गौकशी के मामले में रासुका (राष्ट्रीय सुरक्षा कानून) लगाने पर विवाद गहराता जा रहा है. स्थानीय प्रशासन के इस कदम का सत्ताधारी कांग्रेस के नेता ही विरोध कर रहे हैं. भोपाल मध्य के विधायक ने तो इस मामले में सीएम कमलनाथ को पत्र तक लिख दिया है, वहीं बीजेपी ने कहा है कि कांग्रेस स्थानीय प्रशासन के काम में हस्तक्षेप कर रही है.

भोपाल मध्य से कांग्रेस के विधायक आरिफ मसूद ने इस मामले में मुख्यमंत्री कमलनाथ से खंडवा कलेक्टर को हटाने की मांग की है. मसूद ने सीएम कमलनाथ को पत्र लिख अपनी नाराज़गी जाहिर की और आरोप लगाया कि कलेक्टर ने एकतरफा कार्रवाई की है. मसूद ने आरोप लगाया कि प्रशासन ने सिर्फ एक पक्ष को सुना और आरोपियों पर रासुका लगा दी.

आरिफ मसूद ने कहा कि खंडवा के आरोपियों के परिजनों ने उनसे फोन पर बात की है और कहा है कि उनकी बात को सुना नहीं गया और सीधे रासुका लगा दी गई जबकि ये एक गंभीर धारा है और इसका सोच-समझकर इस्तेमाल किया जाना चाहिए.

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उन्होंने कहा कि आरोपियों में से दो लोग ऐसे हैं जिनका कोई पुराना आपराधिक रिकॉर्ड नहीं है. आरिफ मसूद ने मांग की है कि मामले की एसआईटी जांच पूरी होने तक खंडवा कलेक्टर का तबादला होना चाहिए. आरिफ अकेले नहीं है.

प्रदेश कांग्रेस के ही शहरयार खान ने भी मामले में बयान देते हुए कहा कि विधायक यदि जांच की मांग कर रहे हैं तो इसमें गलत नहीं है. शहरयार खान ने कहा कि एसआईटी जांच न्यायसंगत होगी जिसके लिए वो सीएम से मांग करेंगे.

प्रशासन के काम में हस्तेक्षप का मामला: बीजेपी

वहीं बीजेपी ने इस मामले में कांग्रेस पर सवाल खड़े किए हैं. बीजेपी नेता और शिवराज सरकार में मंत्री रहे उमाशंकर गुप्ता ने कहा है कि कांग्रेस नेता जानबूझकर स्थानीय प्रशासन की कार्रवाई में हस्तक्षेप कर रहे हैं जिसके आने वाले दिनों में मध्य प्रदेश को गंभीर परिणाम भुगतने पड़ सकते हैं. गुप्ता ने आरोप लगाया कि नेताओं का प्रशासन में इस तरह से हस्तक्षेप बताता है कि स्थानीय प्रशासन पर दबाव बनाने की कोशिश की जा रही है.  

कमलनाथ को मिला संगठन का साथ

आपको बता दें कि बीते 7 दिनों के भीतर ही खंडवा और आगर-मालवा में गौकशी और गौ परिवहन के मामले में कुल 5 लोगों पर रासुका के तहत कार्रवाई हो चुकी है, जिसका दिग्विजय सिंह और पी.चिदंबरम ने विरोध किया था. हालांकि कांग्रेस के आला नेतृत्व ने साफ कर दिया है कि कानून-व्यवस्था बनाए रखना प्रदेश सरकार का दायित्व है और कमलनाथ सरकार कानून-व्यवस्था बनाए रखने में सक्षम है.

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कांग्रेस संगठन ने साफ कर दिया है कि राष्ट्रीय सुरक्षा कानून लगाना प्रदेश सरकार के अधिकार क्षेत्र में आता है और इसलिए कमलनाथ सरकार के कामकाज में कांग्रेस कोई हस्तक्षेप नहीं करेगी.

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