आतंकी एक बार फिर मुंबई हमले जैसे वारदात को अंजाम दे सकते हैं. नौसेना के प्रमुख एडमिरल सुनील लांबा ने मंगलवार को यह खुलासा किया. उन्होंने कहा कि भारत समुद्र के रास्ते आतंक के खतरे का सामना कर रहा है. हमारे पास समुद्र के रास्ते अलग-अलग तरीकों से आतंकी हमले को अंजाम देने के लिए आतंकियों को दी जा रही ट्रेनिंग की रिपोर्ट है.
नौसेना के प्रमुख एडमिरल सुनील लांबा ने कहा कि आतंकवादी तेजी से विकसित हो रहे हैं और नए खतरों से निपटने के लिए भारतीय सुरक्षा प्रतिष्ठान लगातार काम कर रहे हैं. आप सभी ने तीन हफ्ते पहले ही जम्मू-कश्मीर में हुए आतंकी हमले को देख चुके हैं. इस हमले के पीछे आतंकवादी संगठन थे. साथ एक ऐसा देश था, जो भारत को अस्थिर करने का प्रयास करता रहता है.
Naval Chief Sunil Lanba: This violence was perpetuated by extremists, aided by a state which seeks to destabilise India. https://t.co/dklUTQfL9I
— ANI (@ANI) March 5, 2019
2008 में हुआ था मुंबई आतंकी हमला
बता दें, 2008 में समुद्र के रास्ते आतंकियों ने मुंबई पर हमला किया था. इस 26/11 मुंबई हमले के दौरान करीब दर्जनभर आतंकी आए थे. इन आतंकियों ने होटल ताज, शिवाजी टर्मिनल समेत मुंबई के कई जगहों पर हमला किया था. इस दौरान करीब 150 से अधिक लोग मारे गए थे.
मनमोहन सरकार ने कार्रवाई के प्रस्ताव को किया था खारिज
बताया जाता है कि इस आतंकी हमले के बाद तत्कालीन मनमोहन सरकार से सर्जिकल स्ट्राइक जैसी कार्रवाई करने का प्रस्ताव रखा गया था, लेकिन उस समय सरकार ने इसे खारिज कर दिया था. मोदी सरकार के दौरान उरी हमले के बाद सर्जिकल स्ट्राइक और पुलवामा आतंकी हमले के एयरस्ट्राइक किया गया.
आतंकियों को दी जा रही है ट्रेनिंग
हालिया खुफिया रिपोर्टों में समुद्र के रास्ते आतंकी हमले का अलर्ट है. इसके लिए बकायदा पाकिस्तानी आर्मी और आईएसआई के अफसर आतंकियों को ट्रेनिंग दे रहे हैं. रिपोर्ट्स की माने तो लश्कर-ए-तैयबा और जैश-ए-मोहम्मद जैसे आतंकी संगठन अपने नए रिक्रूट्स को वॉटर कॉम्बैट स्किल्स की ट्रेनिंग दे रहे हैं.
वैश्विक समुदाय को आतंकियों के खिलाफ कार्रवाई करनी चाहिए
नौसेना प्रमुख ने कहा कि आतंकवादी संगठन पूरी दुनिया में तेजी से बढ़ रहे हैं. आतंक का यह विशेष 'ब्रांड' निकट भविष्य में एक वैश्विक समस्या बन सकता है. भारतीय सुरक्षा प्रतिष्ठान इस खतरे को दूर करने के लिए लगातार काम कर रहे हैं. यह आवश्यक है कि वैश्विक समुदाय अपने सभी रूपों में आतंकवाद को समाप्त करने के लिए कार्य करे.