बिहार और आंध्र प्रदेश के बाद एक और राज्य से विशेष दर्जा देने की मांग उठने लगी है. नीतीश कुमार और एन चंद्रबाबू नायडू के बाद अब नवीन पटनायक ने पिछड़ेपन और अनुसूचित जाति, जनजाति आबादी के ज्यादा प्रतिशत का हवाला देते हुए एक बार फिर ओडिशा के लिए विशेष राज्य का दर्जा मांगा है.
पटनायक रविवार को नई दिल्ली में नीति आयोग की बैठक में शामिल नहीं हुए लेकिन उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर विशेष राज्य का दर्जा सहित राज्य की विभिन्न मांगों से अवगत कराया है. सोलह जून को लिखा गया पत्र सोमवार को मीडिया को उपलब्ध कराया गया. प्रधानमंत्री की अध्यक्षता वाली नीति आयोग की बैठक में नीतीश कुमार और एन चंद्रबाबू नायडू ने अपने-अपने राज्यों के लिए विशेष राज्य के दर्जे की मांग दोहराई थी.
पटनायक की ओर से विशेष राज्य के दर्जे की मांग दोहराने को 2019 में आम चुनावों और ओडिशा विधानसभा से पहले बीजेडी के राजनीतिक हथियार के रूप में देखा जा रहा है. पटनायक ने पत्र में कहा कि अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति की जनसंख्या के अधिक प्रतिशत और राज्य के बार बार प्राकृतिक आपदाओं का सामना करने के बीच, ओडिशा अपने विकास की तेज रफ्तार के लिए विशेष राज्य के दर्जे का हकदार है.
पत्र में कहा गया है कि ओडिशा के साथ केन्द्र की ओर से प्रायोजित योजनाओं में पूर्वोत्तर और हिमालय पर बसे राज्यों जैसा व्यवहार होना चाहिए. इस बीच पटनायक ने राज्य सरकार के अधिकारियों से संभावित आपदा के लिए तैयार रहने को कहा क्योंकि मानसून राज्य में पहुंच चुका है.
बता दें कि नीतीश कुमार ने नीति आयोग की बैठक में चंद्रबाबू नायडू की मांग का समर्थन करते हुए आंध्र प्रदेश को विशेष राज्य का दर्जा देने की अपील की थी. साथ ही उन्होंने पीएम मोदी से बिहार के लिए भी यह दर्जा मांगा था. टीडीपी पहले ही दर्जा न मिलने से नाराज होकर एनडीए का साथ छोड़ चुकी है और बीते बजट सत्र में पार्टी सांसदों ने इस मांग को लेकर जबर्दस्त हंगामा किया था.