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पाकिस्तान में बोले सिद्धू- बाजवा से गले मिलना पंजाबियत थी, कोई राफेल डील नहीं

पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने करतारपुर गलियारे के शिलान्यास के कार्यक्रम में शामिल होने के लिए विदेश मंत्री सुषमा स्वराज और पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह को भी न्योता दिया था. लेकिन दोनों ने अलग-अलग कारणों से पाकिस्तान का न्योता ठुकरा दिया.

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नवजोत सिंह सिद्धू, कैबिनेट मंत्री, पंजाब सरकार (फाइल फोटो-एएनआई)
नवजोत सिंह सिद्धू, कैबिनेट मंत्री, पंजाब सरकार (फाइल फोटो-एएनआई)

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करतारपुर साहिब गलियारा के शिलान्यास के कार्यक्रम में शामिल होने पाकिस्तान पहुंचे पंजाब सरकार में कैबिनेट मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू ने जनरल बाजवा से गले मिलने के सवाल पर जवाब देते हुए कहा कि उनसे गले मिलना पंजाबियत का हिस्सा था यह कोई राफेल डील नहीं थी.

मंगलवार को लाहौर पहुंचे नवजोत सिंह सिद्धू ने कहा कि जब दो पंजाबी मिलते है तो वे एक दूसरे के गले मिलते हैं. पंजाब में यह आम चलन है. वे बस चंद सेकेंड के लिए पाकिस्तान के आर्मी चीफ कमर जावेद बाजवा से मिले, गले लगना कोई राफेल डील नहीं.

सिद्धू ने कहा कि करतारपुर कॉरिडोर भारत-पाकिस्तान के बीच पुल का काम करेगा और आपसी दुश्मनी कम करेगा. इस गलियारे से लोगों के बीच संपर्क बढ़ेगा. उन्होंने इस गलियारे को संभावनाओं, शांति और समृद्धि का कॉरिडोर बताया.

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बता दें कि इंडिया टुडे से खास बातचीत में पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने कहा है कि उन्होंने सिद्धू को पाकिस्तान नहीं जाने की सलाह दी थी, इसके बावजूद सिद्धू ने पाकिस्तान जाने का फैसला किया.

पंजाब सरकार में मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू द्वारा पाकिस्तान में राफेल का मुद्दा उठाने के सवाल पर कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने कहा कि वह एक प्रांत के मंत्री हैं, एक व्यक्ति क्या करता है उस पर बोलने के बजाय हमें देखाना चाहिए कि 26/11 की घटना के दिन किस प्रदेश का मुख्यमंत्री राजनीति कर रहा था और 26/11 की घटना के दोषियों को साढ़े 4 साल में पकड़ने के लिए उसने क्या किया.

वहीं बीजेपी ने सिद्ध के बयान पर अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल से ट्वीट करते हुए लिखा, 'कांग्रेस सिद्धू के जरिए अपना राफेल अभियान पाकिस्तान लेकर पहुंची है. भारत सरकार के खिलाफ टिप्पणी और पाकिस्तानी पीएम को फरिश्ता बताया जा रहा है. क्या हमने ट्रोजन हॉर्स के बारे में सुना है?'

आपको बता दें कि सोमवार को उप राष्ट्रपति वेंकैया नायडू ने पंजाब के गुरुदासपुर करतारपुर कॉरिडोर की आधारशिला रखी थी. इस कॉरिडोर के जरिए सिख श्रद्धालु पाकिस्तान स्थित गुरुद्वारा दरबार साहिब आसानी से जा सकेंगे. यह गुरुद्वारा सिखों के लिए बड़ा महत्व रखता है. क्योंकि गुरू नानक देव जी ने अपने जीवन के 18 साल यहां गुजारे थे.

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