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'विद फैमिली' सिद्धू पहुंचे आम आदमी पार्टी, CM अरविंद केजरीवाल बोले- मान गए गुरु!

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने नवजोत सिंह सिद्धू के इस्तीफे पर कहा है कि राज्यसभा की सदस्यता से रिजाइन करके उन्होंने साहस दिखाया है.

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मशहूर क्रिकेटर और कमेंटेटर नवजोत सिंह सिद्धू
मशहूर क्रिकेटर और कमेंटेटर नवजोत सिंह सिद्धू

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दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने नवजोत सिंह सिद्धू के इस्तीफे पर कहा है कि राज्यसभा की सदस्यता से रिजाइन करके उन्होंने साहस दिखाया है.

अरविंद केजरीवाल ने ये भी कहा कि राज्यसभा सदस्यता के लिए अपना सब कुछ कुरबान कर देने वालों के बीच सिद्धू का इस्तीफा एक नई मिसाल कायम करेगा. केजरीवाल ने ये भी कहा कि सिद्धू ने अपने राज्य को बचाने के लिए इस्तीफा दिया है.

उन्होंने सिद्धू की हौंसला अफजाई करने में कोई कसर नहीं छोड़ी. अपने ट्वीट में उन्होंने ये भी कह डाला कि क्या पहले कभी किसी को राज्यसभा की सदस्यता से इस्तीफा देते देखा है.

मशहूर क्रिकेटर और कमेंटेटर नवजोत सिंह सिद्धू ने सोमवार को राज्यसभा की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया. इस्तीफा मंजूर हो जाने के बाद वह अपनी पत्नी के साथ बीजेपी छोड़कर आम आदमी पार्टी में शामिल हो गए हैं. जानकारी के मुताबिक, वह पार्टी की ओर से पंजाब में सीएम पद के उम्मीदवार नहीं होंगे. बीजेपी सूत्रों ने भी सिद्धू के पार्टी छोड़ने की पुष्टि की है.

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बीजेपी छोड़ने के बाद नवजोत सिंह सिद्धू ने कहा कि उनके लिए पंजाब का हित सबसे ऊपर है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कहने पर उन्होंने राज्यसभा के लिए नामांकन भरा था लेकिन सही और गलत के बीच वह तटस्थ नहीं रह सकते थे. उन्होंने कहा, 'सही और गलत के बीच मुझे फैसला करना था, लेकिन मैं बोझ नहीं उठाना चाहता था.'

इसी साल 28 अप्रैल को सिद्धू ने राज्यसभा में मनोनीत सदस्य के रूप में पंजाबी में शपथ ली थी. वहीं संसद के मानसून सत्र के पहले ही दिन उच्च सदन की कार्यवाही के दौरान उन्होंने इस्तीफा दे दिया.

2014 में काट दिया गया था लोकसभा टिकट
इसके पहले बीजेपी की ओर से अमृतसर सीट से लोकसभा सांसद सिद्धू का टिकट 2014 आम चुनाव में काट दिया गया था. उनके बदले उस सीट से पार्टी के सीनियर नेता अरुण जेटली लड़े थे और हार गए थे.

'एंटी बादल' नेता माने जाते हैं सिद्धू
लोकसभा चुनाव के वक्त चर्चा थी कि टिकट नहीं मिलने से नाराज चल रहे सिद्धू आम आदमी पार्टी के संपर्क में हैं. सिद्धू को 'एंटी बादल' नेता माना जाता है. अकाली दल से सिद्धू की तकरार हरियाणा चुनावों के दौरान भी दिखी थी.

पंजाब न भेजकर बीजेपी ने राज्यसभा भेजा
बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने पहले इस बात के संकेत दिए थे कि सिद्धू को पंजाब बीजेपी में महत्वपूर्ण भूमिका दी जा सकती है, लेकिन सिद्धू को राज्य में अहम जिम्मेदारी सौपकर वह अकाली दल से दुश्मनी मोल नहीं लेना चाहते थे. इसलिए उन्हें बाद में राज्यसभा में मनोनीत कर दिया गया.

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सिद्धू की पत्नी ने भी जताई थी नाराजगी
सिद्धू को बीजेपी से साइडलाइन किए जाने का असर उनकी पत्नी नवजोत कौर सिद्धू की बातों पर भी साफ दिखा था. उन्होंने एक कार्यक्रम में यहां तक कहा था कि अगर 2017 में होने वाले चुनावों में बीजेपी-अकाली दल का गठबंधन रहा तो लोग आम आदमी पार्टी को वोट देंगे.

'इंसान दोबारा गलती नहीं दोहराता'
नवजोत कौर सिद्धू अमृतसर-ईस्ट से बीजेपी की विधायक हैं. उन्होंने यह भी कहा था कि बीजेपी और अकाली दल के एक साथ चुनाव प्रचार करने का कोई तुक नहीं है. पहली बार इंसान गलती कर लेता है, हमें पता है हम गलती नहीं दोहराएंगे .'

केजरीवाल ने पहले दिया था न्योता
गौरतलब है कि आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल पहले ही कह चुके हैं कि 'सिद्धू का पार्टी में स्वागत है.' पंजाब में उनकी लोकप्रियता के बारे में राजनीतिक दलों को पता है और उसे भुनाना भी चाहती है. वहीं पार्टी के राष्ट्रीय नेता संजय सिंह और पंजाब संयोजक सुच्चा सिंह ने सिद्धू दंपति का स्वागत किया.

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