नेवी में जेंडर बदलकर महिला बनने और फिर नेवी से निकालने का मामले मे केंद्र सरकार और नेवी ने हाइकोर्ट से कुछ और वक्त मांगा है. दरअसल नेवी में ये अपनी तरह का पहला मामला है. नेवी कोर्ट की उस सलाह पर गंभीरता से विचार कर रही है जिसमें कोर्ट ने नेवल सेलर के जेंडर बदलने के बाद उसे किसी ग्राउंड ड्यूटी पर लगाने पर विचार करने को कहा है. कोर्ट ने नेवी से उसे निकालने के फैसले पर दोबारा विचार करने को कहा है. हाइकोर्ट ने फिलहाल नेवी को जवाब देने के लिए 2 हफ्ते का वक्त और दिया है. 6 दिसंबर को इस मामले मे फिर सुनवाई होगी.
दरअसल ये कहानी पिछले साल तब शुरू हुई जब नेवी में सेलर के तौर पर काम करने वाले एक व्यक्ति ने अपना जेंडर ऑपरेशन करा कर खुद को महिला बना लिया. उसके बाद नेवी ने इसी महीने की 4 अक्टूबर को उसे नौकरी से निकाल दिया. नौकरी से निकाले जाने के फैसले को इस व्यक्ति ने दिल्ली हाईकोर्ट में चुनौती दी है. जेंडर चेंज कराने वाला यह व्यक्ति 2010 से नेवी में कार्यरत है और इसका एक बच्चा भी है.
पिछली सुनवाई मे हाइकोर्ट ने कहा था कि हम नेवी की पॉलिसी में तो कोई हस्तक्षेप नहीं कर सकते लेकिन मानवीय आधार पर नेवी को दोबारा मामले पर विचार करने के लिए कह रहे है कि जेंडर चेंज करने के बाद महिला बनने के बाद उनको ग्राउंड ड्यूटी पर लगाया जा सकता है, उदाहरण के तौर पर अगर कोई फाइटर पायलट घायल हो जाता है तो उसको ग्राउंड जॉब दी जाती है, इस मामले में भी नेवी इस पर विचार कर सकती है.
कोर्ट ने कहा कि अगर वो अपनी जेंडर डिसऑर्डर से जुड़ी चीज को दबा कर रखता तो वो नेवी का सबसे खतरनाक आदमी साबित हो सकता था. बेहतर हुआ कि उसने ये ऑपरेशन करा लिया. जेंडर चेंज करने से पहले यह व्यक्ति नेवी में सेलर के पद पर तैनात था लेकिन जेंडर चेंज करने के बाद उसे नेवी ने नौकरी से निकाल दिया, जिसे दिल्ली हाइकोर्ट में चुनौती दी गई है.
नेवी ने मिनिस्ट्री ऑफ डिफेंस की तरफ से अपना पक्ष रखते हुए कहा कि ये व्यक्ति जेंडर आइडेंटिटी डिसऑर्डर का शिकार है और अनुशासनहीनता के कई और मामले भी उसके खिलाफ है. कई वर्ष वह कई बार बिना बताए छुट्टियों पर लंबे वक्त तक के लिए चला गया और उसने जेंडर चेंज करने की जानकारी भी नेवी को नहीं दी. नेवी ने कहा कि उसकी तैनाती एक पुरुष सेलर की तौर पर हुई थी लेकिन अब जेंडर बदलने के बाद वो महिला बन गई है, लिहाजा उसको नौकरी पर नही रखा जा सकता था. इस मामले में कोर्ट में अगली सुनवाई 6 दिसंबर को होगी.