scorecardresearch
 

अब सीधे नक्सलियों के गढ़ में चोट, आजादी के बाद पहली बार सर्वे करा रही सरकार

नक्सलियों का गढ़ माने जाने वाले अबूझमाड़ पर सरकार ने अपना दखल बढ़ाना शुरू कर दिया है. अबूझमाड़ के पूरे इलाके को चिन्हित करने का काम प्रशासन से शुरू किया है.

Advertisement
X
अबूझमाड़ में प्लॉट चिन्हीकरण का काम शुरू
अबूझमाड़ में प्लॉट चिन्हीकरण का काम शुरू

Advertisement

नक्सलियों का गढ़ माने जाने वाले अबूझमाड़ पर सरकार ने अपना दखल बढ़ाना शुरू कर दिया है. अबूझमाड़ के पूरे इलाके को चिन्हित करने का काम प्रशासन से शुरू किया है. इसके लिए बाकायदा गांव-गांव जाकर हर एक प्लॉट और घर का सर्वे किया जा रहा है. आजादी के बाद ऐसा पहली बार हुआ है.

अंग्रेजी अखबार इंडियन एक्सप्रेस की खबर के मुताबिक 22 अप्रैल से ये काम नारायणपुर जिले से शुरू किया गया है. नारायणपुर के कलेक्टर के मुताबिक, 'ये अभियान अकाबेदा गांव से शुरू किया गया. गांववाले भी चाहते हैं कि उनकी जमीन पर उनका हक हो. ये प्रोजेक्ट काफी वक्त से पाइपलाइन में था, लेकिन अब जाकर पहली बार शुरू हो पाया है.'

ऐसे हो रहा है सर्वे
इस अभियान के तहत स्थानीय प्रशासन गांव गांव जाकर लोगों की जमीने की जानकारी ले रहा है. गांववालों से उनके खेत और प्लॉट के बारे में पूछा जा रहा है. तहसीलदार के मुताबिक , 'हम हर सुबह गांववालों को जमा करते हैं और उनके प्लॉट के बारे में उनसे पूछते हैं. प्लॉट की जानकारी मिलने के बाद उसे एक एफआईडी(FID) नंबर दिया जाता है. ये पूरी जानकारी ऑनलाइन अपडेट की जाती है.' इस सर्वे टीम में प्रशासनिक अधिकारियों के अलावा इंजीनियर भी मौजूद हैं, जिन्हें आईआईटी रुड़की से बुलाया गया है.

Advertisement

क्या है मकसद
हालांकि प्रशासन का कहना है कि इस सर्वे का मकसद रिवेन्यू रिकॉर्ड्स इकट्ठा करना है. ताकि लोगों को उनकी जमीनों पर हक दिलाया जा सके और उनकी आर्थिक स्थिति में सुधार लाया जा सके. हालांकि माना ये भी जा रहा है कि सरकार इसके जरिए नक्सल प्रभावित इलाकों में खुद को मजबूत करना चाहती है. सरकार के इस कदम को गांववालों के साथ मिलकर नक्सलियों से पार पाने की मुहिम का हिस्सा माना जा रहा है.

सुरक्षा का खतरा
नक्सलियों का गढ़ होने के चलते सर्वे कर रहे अधिकारियों ने सुरक्षा का खतरा भी बताया. नारायणपुर के एसपी ने बताया , 'सुरक्षा बड़ी चुनौती है. इसलिए धीरे-धीरे इस काम को आगे बढ़ाया जा रहा है. हमारे कैंपों पर नक्सलियों ने हमला भी किया, लेकिन ये काम जारी रहेगा.'

बता दें अबूझमाड़ एक घना जंगल वाला पहाड़ी इलाका है. जो करीब 4 हजार स्कवायर किलोमीटर में फैला है. इसमें छत्तीसगढ़ के तीन जिले नारायणपुर, बीजापुर और दंतेवाड़ा आते हैं. साथ ही महाराष्ट्र का कुछ हिस्सा भी इसमें आता है. अबूझमाड़ को नक्सली मूवमेंट का गढ़ माना जाता है. नक्सली अक्सर यहां गांववालों और प्रशासनिक अधिकारियों समेत सुरक्षाबलों को अपना निशाना बनाते रहते हैं.

Advertisement
Advertisement