पिछले लगभग छह दिन से बंधक बनाकर रखे गए तीनों पुलिसकर्मियों को नक्सलियों ने छोड़ने की बात कही है.
प्रतिबंधित संगठन भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी-माओवादी के मुंगेर-जमुई-लखीसराय जोन के स्वयंभू प्रवक्ता अविनाश ने कहा कि रविवार को वे इन बंधकों को उनके परिजनों को सौंप देंगे, न कि सरकार या प्रशासन के किसी प्रतिनिधि को. अविनाश ने ये बात शनिवार की रात मीडिया से बातचीत में कही.
इससे पहले पुलिसकर्मियों की रिहाई के लिए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने शनिवार को नक्सलियों से वार्ता की पेशकश की. उन्होंने यह भी कहा कि नक्सलियों की ओर से वार्ता के लिए जो भी आएगा, उसे पूरी सुरक्षा दी जाएगी.
नक्सलियों द्वारा बंधक बनाए पुलिसकर्मियों की सकुशल रिहाई के मसले पर चर्चा के बुलाई गई सर्वदलीय बैठक में नक्सलियों से बातचीत कर इस मसले का हल निकालने का निर्णय लिया गया. मुख्यमंत्री ने कहा कि टेलीफोन के जरिए कोई वार्ता नहीं हो सकती है. उन्होंने यह भी आशंका व्यक्त की कि टेलीफोन पर कौन बोल रहा है, इसकी प्रामाणिकता को कैसे सही ठहराया जा सकता है. उन्होंने कहा कि वार्ता के लिए वे आगे आएं. सरकार वार्ता के लिए तैयार है. वार्ता आमने-सामने होगी.
प्रतिबंधित संगठन भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी- माओवादी के मुंगेर-जमुई-लखीसराय जोन के स्वयंभू प्रवक्ता अविनाश ने शनिवार सुबह एक स्थानीय चैनल से कहा कि बंधक बनाए गए चार जवानों में से एक अभय यादव की हत्या संबंधी गलत जानकारी देने के लिए वह सभी से माफी मांगते हैं. उसने कहा कि दरअसल लुकस टेटे की हत्या की गई थी.