माओवादियों द्वारा रेल पटरी पर किये गये विस्फोट से देर रात महाराष्ट्र जा रही ज्ञानेश्वरी एक्सप्रेस के 13 डिब्बे पटरी से उतर गये जिन्हें विपरीत दिशा से आ रही एक मालगाड़ी ने जोरदार टक्कर मारी जिससे 71 यात्रियों की मौत हो गयी और 200 अन्य घायल हो गये.
ज्ञानेश्वरी एक्सप्रेस के यात्रियों की सूची
दक्षिण पूर्व रेलवे के एक प्रवक्ता ने बताया कि हावड़ा कुर्ला लोकमान्य तिलक ज्ञानेश्वरी सुपर डीलक्स एक्सप्रेस के दुर्घटनाग्रस्त डिब्बों से हताहत लोगों को निकालने के लिये युद्धस्तर पर राहत कार्य किया जा रहा है. यात्रियों के शव निकालने के लिये गैस कटर का उपयोग किया गया और घायलों को अस्पताल पहुंचाया जा रहा है.
पश्चिम बंगाल के गृह सचिव समर घोष ने बताया, ‘‘अब तक 71 शव निकाले गये हैं. हताहतों की संख्या बढ सकती है.’’ दक्षिण पूर्व रेलवे के अधिकारियों ने बताया कि ट्रेन जब यहां से लगभग 135 किलोमीटर दूर खेमासोली और सारदिया स्टेशनों के बीच थी तब बीती रात लगभग डेढ बजे यह हादसा हुआ.{mospagebreak}
पुलिस महानिरीक्षक (कानून व्यवस्था) सुरजीत कारपुरकायस्थ ने कोलकाता में बताया कि प्रारंभिक जांच के अनुसार दुर्घटनास्थल पर फिश प्लेट गायब पायी गयीं.
इससे पूर्व रेल मंत्री ममता बनर्जी ने कहा था कि एक विस्फोट के बाद ट्रेन के डिब्बे पटरी से उतरे और यह विस्फोट प्रत्यक्षत: माओवादियों ने किया है जो काला सप्ताह मना रहे हैं.
पश्चिम बंगाल के गृह सचिव ने कहा कि 200 से अधिक घायल हो गये हैं जिनमें से कुछ की हालत नाजुक है. घायलों को विभिन्न अस्पतालों में भर्ती किया गया है. उन्होंने बताया कि गंभीर रूप से घायल कुछ लोगों को उपचार के लिये कोलकाता लाया गया है.
कुछ घायलों को अस्पताल पहुंचाने के लिये वायुसेना की सहायता ली गयी है. उन्होंने बताया कि 30 शवों को पोस्टमार्टम के लिये विभिन्न अस्पतालों में भेजा गया है.{mospagebreak}
रेलवे बोर्ड (यातायात) के सदस्य विवेक सहाय ने कहा ‘‘इस विस्फोट के पीछे हमें माओवादियों का हाथ होने का संदेह है.’’ उन्होंने बताया कि ट्रेन के चालक ने एक जोरदार धमाका सुना जिसके बाद ट्रेन पटरी से उतर गयी. रेलवे इस बात की जांच कर रहा है कि पटरी से किसी तरह की छेड़छाड़ तो नहीं की गयी.
झाड़ग्राम के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक मुकेश कुमार ने बताया कि ट्रेन के दुर्घटनाग्रस्त 13 डिब्बों में से पांच पास की पटरी पर जा गिरे और विपरीत दिशा से आ रही मालगाड़ी से जा भिड़े.
कोलकाता से घटनास्थल पर पहुंची रेल मंत्री ममता बनर्जी ने कहा कि हादसे से आधा घंटा पहले एक गश्ती इंजन वहां से गुजरा था लेकिन विस्फोट का समय बहुत घातक साबित हुआ और पटरी का एक हिस्सा उड़ गया. उन्होंने प्रत्येक मृतक के परिजनों को पांच पांच लाख रूपये और घायलों को एक लाख रूपये का मुआवजा देने की घोषणा की.
माओवादियों द्वारा यात्रियों पर इस माह किया गया यह दूसरा हमला है. इससे पूर्व छत्तीसगढ के दंतेवाड़ा जिले में माओवादियों ने एक यात्री बस पर हमला कर 36 लोगों की हत्या कर दी थी जिनमें 12 विशेष पुलिस अधिकारी थे.{mospagebreak}
चीन की यात्रा पर गयी राष्ट्रपति प्रतिभा पाटिल और प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने दुर्घटना में हताहत हुए लोगों के प्रति गहरा शोक व्यक्त किया है. प्रधानमंत्री ने प्रत्येक मृतक के परिजनों को दो दो लाख रुपये और घायलों को पचास-पचास हजार रुपये देने की घोषणा की है.
दक्षिण पूर्व रेलवे के प्रवक्ता सौमित्र मजूमदार ने कहा कि इस गाड़ी में कुल 24 डिब्बे थे और विस्फोट के बाद 13 डिब्बे पटरी से उतर गये जिनमें दस शयनयान श्रेणी के थे. पटरी से उतरे 13 डिब्बों में से पांच बगल की पटरी पर जा गिरे जिन्हें विपरीत दिशा से आ रही मालगाड़ी ने टक्कर मार दी.
उन्होंने बताया कि कोलकाता से 150 किलोमीटर दूर हुए इस हादसे में अनारक्षित डिब्बा, पैन्ट्री कार और लगेज वैन भी पटरी से उतर गयी.
रेल अधिकारियों ने दुर्घटनाग्रस्त डिब्बों से हताहतों को निकालने के लिये गैस कटर का उपयोग किया. लोगों का सामान पटरी पर चारों तरफ बिखरा हुआ है.{mospagebreak}
गुस्साये यात्रियों ने बताया कि दुर्घटना के लगभग साढे तीन घंटे बाद सुबह पांच बजे पहला राहत कार्य शुरू हुआ. ट्रेन के जो नौ डिब्बे दुर्घटनाग्रस्त नहीं हुए हैं उनके यात्रियों और घायलों को खड़गपुर पहुंचाया गया और घायलों को अस्पताल में भर्ती किया गया है.
माओवादियों पर काबू पाने के लिये बनाये गये विशेष बल के जवान दुर्घटनास्थल पर पुलिस और राहत कर्मियों को क्षतिग्रस्त स्लीपर कोच नं एस पांच, एस छह, एस सात और एस आठ से यात्रियों को निकालने में मदद कर रहे हैं.
पश्चिम बंगाल के मुख्यमंत्री बुद्धदेव भट्टाचार्य ने वित्त मंत्री असीम दासगुप्ता से अविलंब दुर्घटनास्थल सरदिहा के लिये रवाना होने को कहा है.