कांग्रेस की अगुवाई वाले संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन के घटक दल राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) ने इशारों-इशारों में कहा कि यदि पार्टी का इतिहास देखा जाए तो उपाध्यक्ष पद पर राहुल गांधी की तरक्की से कांग्रेस के लिए और ज्यादा समस्याएं खड़ी हो सकती हैं.
एनसीपी महासचिव डी पी त्रिपाठी ने कहा, ‘जब कभी उपाध्यक्ष की नियुक्ति की गयी कांग्रेस पार्टी के अंदर गंभीर समस्याएं रही थीं और फिर इसमें गिरावट ही आयी.’ हालांकि, त्रिपाठी ने यह जरूर कहा कि उन्हें जयपुर में कांग्रेस के उपाध्यक्ष नियुक्त किए गए राहुल गांधी से कोई समस्या नहीं है.
उन्होंने कहा, ‘मैं तो सिर्फ उपाध्यक्ष की नियुक्ति के इतिहास की ओर आपका ध्यान दिला रहा हूं.’
एनसीपी नेता ने कहा कि तत्कालीन कांग्रेस अध्यक्ष राजीव गांधी और सीताराम केसरी के कार्यकाल में क्रमश: अर्जुन सिंह और जितेंद्र प्रसाद को उपाध्यक्ष नियुक्त किया गया था.
साल 2014 के चुनावों में प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार से जुड़े एक सवाल के जवाब में त्रिपाठी ने कहा, ‘यदि डा मनमोहन सिंह हैं तो निश्चित तौर पर वही प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार होंगे. यदि वह हैं तो इसका मतलब है कि वह हैं.’
त्रिपाठी ने यह भी कहा कि संसदीय दल के नेता के तौर पर किसी और को आगे करना तो कांग्रेस पार्टी पर निर्भर करता है.
एनसीपी नेता ने कहा, ‘कांग्रेस संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन की अगुवा पार्टी है. लेकिन अब तक हम प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के नेतृत्व में काम कर रहे हैं. हम उनके साथ खुशी-खुशी काम कर रहे हैं.’
राहुल गांधी को प्रधनमंत्री पद का उम्मीदवार घोषित करने की संभावनाओं के बारे में त्रिपाठी ने कहा कि कांग्रेस गठबंधन की सबसे बड़ी पार्टी है और वह ही इसके नेता के बारे में फैसला करेगी. यदि कोई नौजवान नेता है तो यह बेहतर है.
यह सवाल किए जाने पर कि क्या एनसीपी प्रमुख ने प्रधानमंत्री बनने की आकांक्षाएं छोड़ दी हैं, इस पर त्रिपाठी ने कहा, ‘पवार साहब को ख्वाब देखने की आदत नहीं है. वह हकीकत में यकीन रखते हैं. प्रधानमंत्री कौन होगा इसका फैसला तो देश करेगा.’