देश में किसानों की खुदकुशी के मामले लगातार बढ़ते जा रहे हैं. कर्जमाफी, किसान क्रेडिट कार्ड जैसी योजनाओं के बावजूद किसानों की आत्महत्या में लगातार बढ़ोतरी हो रही है. नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो (NCRB) के आंकड़ों के मुताबिक साल 2018 में 10 हजार 349 लोगों ने खुदकुशी की है. इसमें किसान और खेतिहर मजदूर दोनों शामिल हैं. नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो देश भर के अपराध का ब्यौरा जारी किया है.
लगातार बढ़ रहे हैं किसानों की खुदकुशी के मामले
NCRB के आंकड़ों के मुताबिक साल 2018 में 5763 किसानों और 4586 खेतिहर मजदूरों ने खुदकुशी की है. ये आंकड़ा साल 2018 में हुए कुल खुदकुशी का 7.7 है. साल 2018 में 1 लाख 34 हजार 516 लोगों ने देश में खुदकुशी की थी. वहीं साल 2017 में 10 हजार 655 लोगों ने खुदकुशी की थी.
नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो के मुताबिक भारत में 2017 के मुकाबले 2018 में खुदकुशी में बढ़ोतरी हुई. साल 2018 में 1 लाख 34 हजार 516 लोगों ने खुदकुशी की थी, जबकि 2017 में आत्महत्या करने वालों की संख्या 1 लाख 29 हजार 887 थी. आत्महत्या की दर में भी बढ़ोतरी हुई है. 2017 में आत्महत्या की दर 9.9 प्रतिशत थी, 2018 में ये आंकड़ा 10.2 प्रतिशत हो गया.
बंगाल और बिहार में किसानों ने नहीं की खुदकुशी
रिपोर्ट के मुताबिक NCRB के मुताबिक पश्चिम बंगाल, बिहार, ओडिशा, उत्तराखंड, मेघालय, गोवा, चंडीगढ़, दमन और दीव, दिल्ली, लक्षद्वीप और पुडुचेरी में साल 2018 के दौरान किसी किसान, खेतिहर मजदूर ने आत्महत्या नहीं की.
2018 में मर्डर के 29,017 मामले
NCRB आंकड़ों के मुताबिक साल 2018 में हत्या के 29 हजार 17 मामले दर्ज हुए. ये आंकड़ा 2017 के मुकाबले 1.3 प्रतिशत ज्यादा था. साल 2017 में हत्या के 28 हजार 653 मामले दर्ज किए गए थे.