गुजरात सरकार द्वारा एक लड़की की कथित अवैध जासूसी के मामले में हर दिन नया मोड़ आ रहा है. आज राष्ट्रीय महिला आयोग की अध्यक्ष ने कहा है कि उन्होंने इसे लेकर नरेंद्र मोदी को काई चिट्ठी नहीं भेजी है. आयोग ने केंद्रीय गृहमंत्री सुशील कुमार शिंदे को इस मामले में जांच के लिए एक खत जरूर भेजा है. आयोग ने यह भी बताया कि लड़की के पिता की तरफ से उन्हें अब तक कोई लिखित अपील नहीं मिली.
इससे पहले खबर आई थी कि लड़की के पिता ने राष्ट्रीय महिला आयोग से कहा है कि उनकी बेटी इस मुद्दे की कोई जांच नहीं चाहती, क्योंकि उसकी निजता का कोई अतिक्रमण नहीं किया गया.
पिता ने महिला आयोग को लिखे पत्र में कहा था, 'यह मेरी बेटी की गंभीर इच्छा है कि आगे की कोई जांच जरूरी नहीं है जैसी राजनीतिक रूप से मांग की जा रही है.' उन्होंने दो पन्नों के पत्र में कहा है, 'अपनी बेटी की ओर मैं अपील करता हूं कि मेरे अनुरोध पर जो भी मदद की गयी, उसकी जानकारी उसे भी थी और यह उसके हित, सुरक्षा के लिए थी. उसकी निजता का कोई हनन नहीं हुआ जैसा पेश करने की कोशिश की गयी है.' उन्होंने कहा, 'मेरी बेटी वास्तुकार और शिक्षित है. वह शादीशुदा है और अपनी निजी जिंदगी एवं निजता में घुसपैठ से वह बेहद परेशान है. उसकी गुममानी और वह कहां है, का लोगों को पता नहीं चले- यह सुनिश्चित करने के लिए उसने मुझसे अपनी ओर से यह पत्र माननीय आयोग को लिखने का अनुरोध किया है.'
उधर, निलंबित आईएएस अधिकारी प्रदीप शर्मा ने कहा था कि वे फिलहाल कानूनी औपचारिकताएं पूरी कर रहे हैं, लेकिन वह महिला की जासूसी या अपनी स्थिति के बारे में कोई जानकारी अभी नहीं दे सकते. कोबरापोस्ट डॉट कॉम और गुलेल डॉट कॉम ने 15 नवंबर को दावा किया था कि अमित शाह ने किसी ‘साहब’ के कहने पर लड़की की अवैध जासूसी के आदेश दिए थे.
निलंबित आईएएस अधिकारी शर्मा ने सुप्रीम कोर्ट से अपील की थी कि वह समाचार पोर्टल द्वारा जारी किए गए ऑडियो टेप का संज्ञान ले. शर्मा ने कहा कि यह इस बात का सबूत है कि नरेंद्र मोदी नीत गुजरात सरकार ने उन्हें किस तरह ‘फालतू’ मामलों में फंसाने की कोशिश की.
इस बीच भाजपा नेता जयनारायण व्यास ने कहा कि जब समाचार पोर्टलों ने ही खुद कहा है कि टेप की सत्यता की पुष्टि नहीं की जा सकती है तो बहस का सवाल ही पैदा नहीं होता.
सामाजिक संगठनों ने की सीबीआई जांच की मांग
सामाजिक संगठनों ने अहमदाबाद में मंगलवार को जासूसी के खिलाफ प्रदर्शन किया. संगठनों द्वारा जारी एक बयान में कहा गया, 'हम गुजरात सरकार द्वारा अवैध, असंवैधानिक और महिला विरोधी जासूसी की कड़ी निंदा करते हैं.'
खत्म नहीं होगा जासूसी मुद्दा: कांग्रेस
जासूसी मामले में सुप्रीम कोर्ट के एक न्यायाधीश द्वारा कराये जाने की मांग के बीच, कांग्रेस ने इन सवालों को टाल दिया कि क्या वह इस मामले में गुजरात की राज्यपाल से हस्तक्षेप की मांग करेगी.
यह पूछे जाने पर कि क्या कांग्रेस इस मुद्दे पर गुजरात की राज्यपाल से बात करेगी, महिला कांग्रेस प्रमुख शोभा ओझा ने इस संबंध में सवाल के जवाब में संवाददाताओं से कहा, 'समय आने पर सभी चीजें साफ हो जाएंगी.' इस मामले में बीजेपी द्वारा कांग्रेस की आलोचना को खारिज करते हुए शोभा ने कहा कि लड़की की जासूसी के चलते गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी और पूर्व गृहराज्यमंत्री अमित शाह को काले झंडे दिखाए जाएंगे.
सुषमा ने किया मोदी का बचाव
लोकसभा में विपक्ष की नेता सुषमा स्वराज ने कथित जासूसी मामले में गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी का बचाव करते हुए कहा कि उनके खिलाफ आरोप झूठे हैं और कांग्रेस का काम ही ‘डर्टी ट्रिक्स’ करना है.