तीन राज्यों में सत्ता गंवाने के बाद मुश्किलों में घिरी बीजेपी को एक और झटका लग सकता है. एनडीए के घटक दल लोकजनशक्ति पार्टी (LJP) ने भी इशारा किया है कि अंदरखाने सब कुछ ठीक नहीं चल रहा है. एलजेपी नेता चिराग पासवान ने ट्वीट कर कहा कि टीडीपी और आरएलएसपी के एनडीए से अलग होने के बाद गठबंधन नाजुक दौर से गुजर रहा है. ऐसे में बीजेपी गठबंधन में बचे हुए साथियों की चिंताओं को समय रहते सम्मान पूर्वक तरीके से दूर करें.
पासवान ने ट्वीट में साफ कहा कि गठबंधन की सीटों को लेकर वे कई बार बीजेपी के नेताओं से मुलाकात कर चुके हैं. लेकिन अभी तक इस संबंध में कोई ठोस बात आगे नहीं बढ़ पाई है. पासवान ने साफ कहा कि अगर समय रहते बात नहीं बनी तो इससे नुकसान भी हो सकता है.गठबंधन की सीटों को लेकर कई बार भारतीय जनता पार्टी के नेताओ से मुलाक़ात हुई परंतु अभी तक कुछ ठोस बात आगे नहीं बढ़ पायी है।इस विषय पर समय रहते बात नहीं बनी तो इससे नुक़सान भी हो सकता है।
— Chirag Paswan (@ichiragpaswan) December 18, 2018
लोकसभा चुनाव से पहले लोकजनशक्ति पार्टी सीटों पर स्थिति साफ कर लेना चाहती है, लेकिन बीजेपी अभी तक इस मामले में चुप्पी साधे हुई है. बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह पहले ही साफ कह चुके हैं कि बिहार में बीजेपी और नीतीश कुमार की पार्टी जदयू बराबर सीटों पर चुनाव लड़ेंगीं. ऐसे में लोकजनशक्ति पार्टी के लिए सीटें कम होना तय है.टी॰डी॰पी॰ व रालोसपा के एन॰डी॰ए॰ गठबंधन से जाने के बाद एन॰डी॰ए॰ गठबंधन नाज़ुक मोड़ से गुज़र रहा है।ऐसे समय में भारतीय जनता पार्टी गठबंधन में फ़िलहाल बचे हुए साथीयों की चिंताओं को समय रहते सम्मान पूर्वक तरीक़े से दूर करें।
— Chirag Paswan (@ichiragpaswan) December 18, 2018
इधर खबरें थीं कि रामविलास पासवान नसाज सेहत के चलते इस बार चुनाव लड़ना नहीं चाहते. इसकी बजाए वे राज्यसभा जाने के इच्छुक हैं. सूत्रों के मुताबिक आरएलएसपी के एनडीए मे रहते लोजपा सात सीटों से कम पर राजी नहीं थी. बीजेपी इतनी सीटें देने को राजी नहीं थी. लेकिन अब हालात और बदल चुके हैं. तीन राज्यों में सत्ता जाने के बाद बीजेपी के तेवर में भी कुछ कमी आना स्वाभाविक है. टीडीपी और आरएलएसपी के अलग होने के बाद बीजेपी के सामने वैसे भी कुनबे को सहेजे रखना बड़ी चुनौती है. ऐसे में वक्त की नजाकत को समझते हुए चिराग पासवान ने भी बीजेपी हाईकमान को साफ संदेश दे दिया है कि अगर उन्हें मनमुताबिक सीटें न मिलीं तो वे भी टीडीपी और आरएलएसपी की तरह चुनाव से ठीक पहले अपनी राह अलग कर सकते हैं.