केंद्र में सत्तारुढ़ एनडीए के सांसद बजट सत्र के दूसरे हिस्से में 23 दिनों तक संसद में कोई कामकाज नहीं होने की वजह से इस दौरान का अपना वेतन और भत्ते नहीं लेंगे.
इस बात का ऐलान संसदीय कार्य मंत्री अनंत कुमार ने बुधवार की शाम को कैबिनेट की बैठक के बाद किया. अनंत कुमार ने कहा कि सरकार विपक्ष द्वारा उठाए जा रहे सभी मुद्दों पर बहस के लिए तैयार थी, लेकिन कांग्रेस के अड़ियल रुख की वजह से संसद में कामकाज नहीं हो सका.
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उन्होंने आरोप लगाया कि कांग्रेस पार्टी गैर लोकतांत्रिक तरीके से काम कर रही है और तमाम महत्वपूर्ण बिल पास होने से रोक रही है जो टैक्सपेयर्स के पैसे की बर्बादी है. संसद का यह सत्र शुक्रवार को खत्म हो रहा है.
काम नहीं तो वेतन नहीं
उन्होंने कहा कि सांसदों का काम संसद में आकर लोक हित के मुद्दों को उठाना होता है, लेकिन संसद में कोई कामकाज नहीं होने की वजह से हम लोगों ने इन 23 दिनों का वेतन भत्ता नहीं लेने का फैसला किया है. यह पैसा देश की जनता की सेवा के लिए हमें मिलता है और काम नहीं होने की वजह से हमें यह लेने का कोई हक नहीं है इसीलिए हम देश की जनता को इसे दे रहे हैं.
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संसद के बजट सत्र का दूसरा हिस्सा शुक्रवार को खत्म हो रहा है और आंध्र प्रदेश की पार्टियों समेत दूसरे कई अन्य मुद्दों को लेकर पिछले दिनों संसद हर दिन ठप रही और लगभग कोई कामकाज नहीं हो सका. हालत यह हुई कि सरकार को वित्त विधेयक भी आनन-फानन में बिना किसी बहस के ही पास कराना पड़ा.
बिना बहस के पास कराए गए वित्त विधेयक के दौरान ही सांसदों की वेतन और भत्ता बढ़ाए जाने संबंधी प्रस्ताव को वित्त विधेयक का हिस्सा बनाकर पास करा लिया गया. अब सांसदों का वेतन-भत्ता महंगाई के अनुसार खुद-ब-खुद बढ़ जाया करेगा.
आप पार्टी ने बाजी मारी
आंध्र प्रदेश के लिए स्पेशल पैकेज की मांग को लेकर राज्य में सत्तारुढ़ तेलुगू देशम पार्टी (टीडीपी) और वाईएसआर कांग्रेस के सांसद लगातार संसद में हंगामा करते रहे.
वेतन भत्ता नहीं लेने के NDA के ऐलान से पहले ही आम आदमी पार्टी के सांसद यह ऐलान कर चुके हैं कि वह संसद नहीं चलने की वजह से अपना वेतन भत्ता नहीं लेंगे. राज्यसभा में आम आदमी पार्टी के सांसद संजय सिंह ने बाकायदा सभापति को चिट्ठी लिखकर इसकी जानकारी दी थी.
दूसरी ओर, वाईएसआर कांग्रेस के सांसद इस बात का एलान कर चुके हैं कि इसी सत्र के आखिरी दिन उसके सभी सांसद आंध्र प्रदेश को स्पेशल पैकेज नहीं दिए जाने के विरोध में संसद से इस्तीफा दे देंगे.