एनडीए में भले ही लगातार सहयोगियों की संख्या कम हो रही हो लेकिन उत्तर प्रदेश में आज एक सम्मेलन के जरिए गठबंधन में मजबूती के संदेश दिए गए. दरअसल, सोमवार को एनडीए की सहयोगी पार्टी अपना दल के संस्थापक सोनेलाल पटेल का 69वीं जन्म दिवस था.
इस मौके पर पार्टी की ओर से सम्मेलन किया गया था. इस सम्मेलन में एक मंच पर यूपी के सीएम और बीजेपी नेता योगी आदित्यनाथ, लोजपा प्रमुख रामविलास पासवान और अपना दल की अनुप्रिया पटेल दिखाई दिए.
इसे चुनाव के पहले उत्तर प्रदेश में पिछड़ों की एकता दिखाने की बड़ी कोशिश के तौर पर माना जा रहा है. दरअसल, बीजेपी जानती है कि 2014 की तरह पिछड़ा और दलित इतनी मजबूती से इस बार लामबंद नहीं होने वाला है. यही पिछड़ा कार्ड इस बार समाजवादी पार्टी और बहुजन समाज पार्टी खेलने जा रही है. ऐसे में पिछड़ों और दलितों का एक बड़ा वर्ग जो टूट कर BJP में आया था वह अपने वापसी की राह पर है.
मंच पर योगी आदित्यनाथ होने की वजह से एनडीए सरकार में मंत्री रामविलास पासवान ने क्षत्रिय समाज की जमकर बात की. उन्होंने जातिवाद के मुद्दे पर बोलते हुए गौतम बुद्ध की मिसाल भी दी. पासवान ने कहा कि क्षत्रिय होते हुए भी सबसे पहले अगर किसी ने जाति और छुआछूत के खिलाफ काम किया तो वह थे महात्मा बुद्ध. पासवान ने ये भी कहा कि आज हमारी लड़ाई हिंदू-मुसलमान की नहीं बल्कि देश भक्त और देशद्रोही के बीच में है. पासवान ने आगे कहा - मायावती बताएं कि स्विस बैंक में उनका पैसा है कि नहीं है?
जबकि अनुप्रिया पटेल ने इस मंच से कहा कि गैर-बराबरी अभी भी समाज में बहुत ज्यादा है और न्यायपालिका में आरक्षण की ज़रूरत है. लेकिन दूसरे सहयोगी दलों के विपरित अपना दल किस नेता ने कहा कि योगी आदित्यनाथ सहयोगी दलों का सम्मान करते हैं और उनकी जरूरतों का भी ख्याल रखते हैं. साफ है अनुप्रिया ने यह कहकर दूसरे सहयोगी दलों को एक संदेश देने की कोशिश की है.
सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा कि अभी तक शोषितों और दलितों के नाम पर सिर्फ राजनीति हुई है. जबकि मोदी सरकार ने सही में पिछड़ों और दलितों का विकास किया है. योगी ने कहा कि सोनेलाल पटेल ने जिस गैर-बराबरी और जातिवादी व्यवस्था के खिलाफ लड़ाई लड़ी थी. उनकी सरकार उसी को आगे बढ़ा रही है.