केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्री चौधरी बीरेंद्र सिंह ने मंगलवार को इन खबरों को खारिज कर दिया कि महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (मनरेगा) के तहत आने वाले विकास खंडों की संख्या में कमी की जाएगी.
बीरेंद्र सिंह ने संवाददाताओं से कहा, ‘हमने करीब 2500 विकास खंडों का चयन किया है जो उस तरह से विकसित होने की श्रेणी में नहीं है. इन विकास खंडों पर अधिक ध्यान दिया जाएगा. इसका यह मतलब नहीं है कि योजना शेष 4,000 विकास खंडों में रुक जाएगी.’ MNERGA में मुर्दों को भी मिली मजदूरी!
उन्होंने कहा कि मनरेगा को ज्यादा उपयोगी बनाने के लिए रोजगार पैदा करना और गुणवत्तापूर्ण भौतिक संपत्ति का निर्माण साथ साथ चलना चाहिए. उधर, तमिलनाडु सरकार ने केंद्र से सवाल किया कि वह इस बारे में जवाब दे कि क्या मनरेगा को भविष्य में कुछ पिछड़े विकासखंडों तक सीमित किया जाएगा. पहले भी कर चुके हैं मनरेगा की तारीफ
तमिलनाडु के ग्रामीण विकास और नगर प्रशासन मंत्री एस पी वेलुमणि ने कहा, ‘जनता में ऐसी चिंता है कि भविष्य में मनरेगा के कार्यान्वयन को कुछ विकासखंडों तक सीमिति कर दिया जाएगा. मैं भारत सरकार से आग्रह करता हूं कि वह इस चिंता को दूर करे.’
(इनपुट: भाषा)