भारत और चीन के बीच चल रहे तनाव पर चीन के राजदूत के बयान पर रक्षा राज्य मंत्री सुभाष भामरे ने कहा कि कूटनीतिक प्रयास से इस मसले का हल हो सकता है.
उन्होंने आजतक से बातचीत में कहा, 'हम यही चाहते हैं कि जहां पर चीनी सैनिक पहले थे, वही स्थिति बनी रहे. चीनियों को भूटान के क्षेत्र में आगे नहीं बढ़ना चाहिए. इस बारे में हमारी सुरक्षा संबंधी चिंताए हैं. हम यही चाहते हैं. यही हमारा स्टैंड है.'
चीन के इस बयान पर कि भारत को भूटान और चीन के मामले में हस्तक्षेप नहीं करना चाहिए, सुभाष भामरे का कहना है कि भूटान खुद यह कहता है. भूटान के किंग ने खुद ऐसा बयान दिया है कि चीनी उनके क्षेत्र में जा रहे हैं. भूटान क्या कहता है, पहले यह समझना चाहिए.
तनाव कैसे खत्म होगा, इस पर सुभाष भामरे ने कहा, 'यह तनाव डिप्लोमैटिक लेवल पर ही खत्म हो सकता है. हम सभी प्रॉब्लम को बातचीत की मेज पर खत्म कर सकते हैं. गौरतलब है कि भारत और चीन के बीच तनाव पर चीन के राजदूत ने कहा है कि भारत और चीन के बीच जो तनाव है, उसको खत्म करने की जिम्मेदारी भारत के ऊपर है. भारत, भूटान से अपनी सेना को वापस बुलाए. अब भारत को तय करना है कि वह यूद्ध चाहता है या शांति.
रतलब है कि सिक्किम बॉर्डर पर भारतीय सेना और चीनी सेना के बीच तनातनी के बाद तनाव गहरा गया है. चीन अपनी दादागिरी से बाज नहीं आ रहा है और भारतीय क्षेत्र में चीनी घुसपैठ में लगातार बढ़ोत्तरी हो रही है. सिक्किम बॉर्डर पर चीन की ओर से यह पहली घुसपैठ नहीं हैं. सूत्रों के मुताबिक पिछले 45 दिन में पूरे भारत-चीन सीमा पर पीएलए (चीनी सेना) ने करीब 120 बार घुसपैठ की. इतना ही नहीं, पिछले साल भारत-चीन सीमा पर 240 बार घुसपैठ हुई थी. हाल ही में भारत-चीन सीमा पर होने वाले चीनी घुसपैठ की संख्या में तेजी से बढ़ोतरी हुई है.