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विनाशकारी भूकंप के लगभग 12 दिनों बाद राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (एनडीआरएफ) की आखिरी टीम भी तुर्की से वापस घर लौट आई है. दरअसल, ऑपरेशन दोस्त के तहत 151 एनडीआरएफ कर्मी और डॉग स्क्वॉड की 3 टीमें भूकंप प्रभावित तुर्की को सहायता प्रदान करने पहुंची थी. ऑपरेशन समाप्ति की घोषणा के बाद एनडीआरएफ की टीम को तुर्की के अधिकारियों ने तालियां बजाकर गर्मजोशी के साथ विदा किया. इस दौरान सभी के चहेरों पर मुस्कान थी और हर कोई भारत से मिली मदद की तारीफ कर रहा था. वहीं भारत लौटने पर एयरपोर्ट पर उनका माला पहनाकर स्वागत किया गया.
बता दें कि 6 फरवरी को आए विनाशकारी भूकंप में तुर्की और सीरिया के विभिन्न इलाकों में हजारों लोगों के मारे जाने के बाद सहायता प्रदान करने के लिए भारत ने 'ऑपरेशन दोस्त' शुरू किया था. इसके तहत अलग-अलग टीमें बनाकर भेजी गई थीं. इनमें से राहत बचाव कार्य समाप्ति की ओर बढ़ने के बाद कई टीमें पहले ही वापस लौट आई थीं. अब रविवार को आखिरी टीम भी तुर्की से लौट आई है.
इसको लेकर विदेश मंत्रालय के प्रवक्त अरिंदम बागची ने ट्वीट किया और लिखा, #OperationDost के तहत अंतिम NDRF की टीम तुर्की से घर लौटी. 151 एनडीआरएफ कर्मियों और डॉग स्क्वायड की 3 टीमों ने भूकंप प्रभावित तुर्की को सहायता प्रदान की. टीमों ने नूरदगी और अंताक्या के 35 कार्यस्थलों में जीवन का पता लगाने सहित खोज, बचाव और राहत कार्यों को अंजाम दिया."
NDRF Rescuers deployed under #OperationDost in Türkiye wind up #NDRF exerted tremendous effort in their contribution towards mitigating the colossal tragedy caused by the #TurkeyEarthquake#SavingLivesAndBeyond 🇮🇳@PMOIndia@HMOIndia@MEAIndia@ndmaindia@PIBHomeAffairs@ANI pic.twitter.com/ShtpCjmcJp
— NDRF 🇮🇳 (@NDRFHQ) February 19, 2023
इसके साथ ही एनडीआरएफ हेडक्वार्टर ने भी अपने ट्विटर हैंडल पर टीम वापसी की जानकारी साझा की. इसके साथ ही वीडियो और तस्वीरे में शेयर की गई हैं. जिसमें तुर्की से टीम की तालियां बजाकर विदाई की जा रही है.
भूकंप से 40 हजार से अधिक लोगों की मौत
वहीं इससे पहले तुर्की आपदा और आपातकालीन प्रबंधन प्रेसीडेंसी (एएफएडी) ने शनिवार को कहा था कि तुर्की और सीरिया में इस महीने के विनाशकारी भूकंप के लगभग दो हफ्ते बाद अधिकांश प्रांतों में खोज और बचाव अभियान समाप्त हो गया है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक दोनों देशों में भूकंप से मरने वालों की संख्या बढ़कर 44 हजार के पार हो गई है.
6 फरवरी को आई थी तबाही
गौरतलब है कि तुर्की में भूकंप के झटके 6 फरवरी को महसूस किए गए थे. पहला झटका सुबह 4.17 बजे आया. रिक्टर स्केल पर इसकी तीव्रता 7.8 मैग्नीट्यूड थी. भूकंप का केंद्र दक्षिणी तुर्की का गाजियांटेप था. इससे पहले की लोग इससे संभल पाते कुछ देर बाद ही भूकंप का एक और झटका आया, रिक्टर स्केल पर इसकी तीव्रता 6.4 मैग्नीट्यूड थी. भूकंप के झटकों का यह दौर यहीं नहीं रुका. इसके बाद 6.5 तीव्रता का एक और झटका लगा. भूकंप के इन झटकों ने मालाटया, सनलीउर्फा, ओस्मानिए और दियारबाकिर सहित 11 प्रांतों में तबाही मचा दी. शाम 4 बजे भूकंप का एक और यानी चौथा झटका आया. इस झटके ने ही सबसे ज्यादा तबाही मचाई. इसके ठीक डेढ़ घंटे बाद शाम 5.30 बजे भूकंप का 5वां झटका आया था.