भारत ने दक्षेस शिखर सम्मेलन में जलवायु परिवर्तन को मुख्य विषय वस्तु बनाये जाने के बीच आज उम्मीद जताई है कि आठ देशों का यह संगठन इस मुद्दे पर सार्थक तरीके से बातचीत करेगा. साथ ही, भारत ने इस साल के अंत में कानकुन में होने जा रही बैठक में ग्लोबल वार्मिंग पर इसके ताजा रूख का समर्थन किया है.
विदेश मंत्री एसएम कृष्णा ने दक्षेस परिषद (सार्क काउंसिल) के मंत्रियों को संबोधित करते हुए कहा, ‘भारत यूएनएफसीसीसी सिद्धांतों और ‘बाली कार्रवाई योजना’ के मुताबिक 16वें ‘कांफ्रेंस ऑफ पार्टिज’ (सीओपी) पर दक्षेस के ताजा रूख का समर्थन करता है.’ दरअसल, नवंबर में मेक्सिको के कानकुन में अगली वैश्विक जलवायु वार्ता होने का कार्यक्रम है.
कृष्णा ने कहा कि जलवायु परिवर्तन को सम्मेलन का विषय वस्तु बनाया जाना ‘बहुत उपयुक्त’ है और भूटान की ओर से जलवायु परिवर्तन पर विशेष सार्क घोषणापत्र के प्रस्ताव किये जाने का समर्थन कर भारत खुश है. दक्षेस देशों ने यह स्पष्ट कर दिया है कि वे जलवायु परिवर्तन के मुद्दे पर अपने प्रयासों में यूएनएफसीसीसी और बाली कार्रवाई योजना के दायरे में ही रहेंगे.
यह उम्मीद की जा रही है कि पर्यावरण पर सम्मेलन के तहत आठों सदस्य देश अपने ज्ञान और बेहतर कार्यों का आदान प्रदान करने, क्षमता बनाने और पर्यावरण हितैषी प्रौद्योगिकी मुहैया कराने के प्रति प्रतिबद्धता जताएंगे.