scorecardresearch
 

अरुणाचल में Mi-17 क्रैश का Video आया सामने, लापरवाही ने ली 7 जवानों की जान!

आजतक ने रक्षा मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारियों से इस वीडियो की पुष्टि की है. वीडियो में दिख रहा है कि हेलिकॉप्टर का पिछला पंखा ईंधन गिराए जाने के वक्त कंटेनर से टकरा गया है. क्षतिग्रस्त होने के बाद हेलिकॉप्टर का पिछला पंखा तुरंत टूटकर अलग हो जाता है और क्रैश होने से पहले कुछ सेकेंडों तक हेलिकॉप्टर हवा में डोलता रहा.

Advertisement
X
एमआई-17 हादसे में 7 जवानों की जान चली गई थी.
एमआई-17 हादसे में 7 जवानों की जान चली गई थी.

Advertisement

अरुणाचल प्रदेश में इसी महीने क्रैश हुए एमआई-17-वी5 हादसे पर बड़ा खुलासा हुआ है. आजतक को मिला एक एक्सक्लूसिव वीडियो हादसे को लेकर नए तथ्यों की ओर इशारा करता है. सवाल उठता है कि 7 जवानों के लिए क्या लापरवाही जिम्मेदार थी?

आजतक को मिले एक्सक्लूसिव वीडियो में यह खुलासा हुआ है कि रूसी हेलिकॉप्टर मिट्टी के मलबे की तरह ढह गया था. 6 अक्टूबर को भारतीय वायुसेना का एमआई-17-वी5 हेलिकॉप्टर अपने रूटीन मिशन पर उड़ान भर रहा था, जो वास्तविक नियंत्रण रेखा के पास यांगस्ते पोस्ट से बहुत दूर ईंधन ड्रॉप कर रहा था. बता दें कि वास्तविक नियंत्रण रेखा ही भारत और चीन के बीच सीमा मानी जाती है. एमआई-17 हादसे में 7 भारतीय जवान मारे गए थे.

आजतक ने रक्षा मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारियों से इस वीडियो की पुष्टि की है. वीडियो में दिख रहा है कि हेलिकॉप्टर का पिछला पंखा ईंधन गिराए जाने के वक्त कंटेनर से टकरा गया है. क्षतिग्रस्त होने के बाद हेलिकॉप्टर का पिछला पंखा तुरंत टूटकर अलग हो जाता है और क्रैश होने से पहले कुछ सेकेंडों तक हेलिकॉप्टर हवा में डोलता रहा.

Advertisement

रक्षा मंत्रालय के शीर्ष अधिकारियों ने आजतक को बताया कि हादसे की जांच के लिए कोर्ट ऑफ इंक्वॉयरी का गठन किया गया, जिसने चौंकाने वाले तथ्यों से पर्दा उठाया, जो बड़ी लापरवाही की ओर इशारा करते हैं.

जैसा कि आजतक ने पहले खबर दी थी कि एमआई-17 ने खिरमू एयरफील्ड से उड़ान भरी थी, इस एयरफील्ड की देख रेख भारतीय सेना करती है और केरोसीन तेल के जेरीकैन्स को भरने और लोड करने का काम भारतीय सेना के जवान कर रहे थे.

जांच में इस बात का खुलासा हुआ कि केरोसीन तेल से भरे जेरीकैन्स के पैराशूट्स को अच्छी तरह से बांधा नहीं गया था, जिसकी वजह से हादसा हुआ.

शीर्ष सूत्रों ने आजतक को बताया कि जैसाकि वीडियो में दिखता है जेरीकैन पैराशूट से अलग हो जाता है और हेलिकॉप्टर के पिछले पंखे से टकरा जाता है. इसके बाद हेलिकॉप्टर अपना संतुलन खो देता है और आसमान से एक पत्थर की भांति गिरकर बिखर जाता है.

जांच में यह भी खुलासा हुआ है कि ईंधन के जेरीकैन्स हेलिकॉप्टर में नहीं होने चाहिए थे. जांच से वाकिफ रक्षा मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि जेरीकैन्स के हैंडल बहुत कमजोर थे और इसकी वजह से पैराशूट से बांधे जाने के बाद टूटकर अलग हो गए.

Advertisement

घटनाक्रम से वाकिफ एक सीनियर हेलिकॉप्टर ने बताया कि 'ईंधन सहित सभी चीजों को एयरड्रॉप करने के स्पष्ट स्टैंडर्ड मानक हैं. पायलटों ने इसका पालन किया और पिछला पंखा क्षतिग्रस्त हो जाने के बाद भी हेलिकॉप्टर को हवा में खड़ा रखने की कोशिश की. इस मामले में यह देखा जाना चाहिए कि जेरीकैन्स को एयरक्राफ्ट पर लोड कैसे किया गया.' उन्होंने कहा कि जिन लोगों ने जेरीकैन्स को हेलिकॉप्टर में लोड किया, उनसे इस बारे में पूछा जाना चाहिए.

बता दें कि रूस निर्मित इन एमआई-17 हेलिकॉप्टर्स को साल 2013 में भारतीय वायुसेना में शामिल किया गया था.

Advertisement
Advertisement