अखिल भारतीय मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने शुक्रवार को कहा कि उसे अयोध्या मामले में इलाहाबाद उच्च न्यायालय के आदेश को चुनौती देने का पूरा अधिकार है और उसने इस मुद्दे पर बातचीत के दरवाजे बंद नहीं किये हैं.
बोर्ड के सहायक महासचिव और प्रवक्ता मोहम्मद अब्दुल रहीम कुरैशी ने कहा कि बोर्ड ने फैसला किया है कि उसे उच्चतम न्यायालय में उच्च न्यायालय के फैसले को चुनौती देने का अधिकार है और यह उसकी जिम्मेदारी है. फिर भी उसने संविधान के बुनियादी मूल्यों तथा शरीयत के नियमों के दायरे में भारतीय मुस्लिमों की गरिमा बनाये रखने वाले किसी भी नुस्खे के लिये अपने दरवाजे बंद नहीं किये हैं.
उन्होंने कहा कि अगर किसी के पास बातचीत का कोई नुस्खा है तो उसे बोर्ड अध्यक्ष मौलाना रबी हस्नी नदवी और महासचिव मौलाना सैयद निजामुद्दीन से संपर्क करना चाहिये. लेकिन अभी किसी भी नुस्खे पर चर्चा नहीं हो रही है और बाबरी मस्जिद मुद्दे पर किसी के साथ बातचीत करने के लिये किसी को भी अधिकृत नहीं किया गया है.