हिन्दी में शपथ लेने को लेकर उठे विवाद का अंत करते हुए मधेसी नेता परमानंद झा ने आज मैथिली और नेपाली भाषा में नेपाल के उपराष्ट्रपति पद की फिर से शपथ ली.
झा के देश के सुप्रीम कोर्ट का नेपाली भाषा में फिर शपथ लेने का निर्देश मानने से इनकार करने के बाद उनके पद को निष्क्रिय कर दिया गया था. कोर्ट ने उनके हिन्दी में शपथ लेने को ‘असंवैधानिक’ करार दिया था.
राष्ट्रपति रामबरन यादव ने झा को नेपाली और मैथिली भाषाओं में पद और गोपनीयता की शपथ दिलाई. नेपाल के इतिहास में ऐसा पहली बार है जब दो भाषाओं में शपथ दिलाई गई है. झा सोमवार को कार्यभार सम्भालेंगे.
पिछले हफ्ते अंतरिम संविधान में संशोधन के जरिये देश में राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति और प्रधानमंत्री को हिन्दी समेत उनकी मातृभाषा में शपथ लेने को वैध करार दिया गया था. नेपाल के तराई इलाकों में रहने वाले मधेसी समुदाय में मैथिली और हिन्दी भाषाएं व्यापक रूप से बोली जाती हैं.