भारत और नेपाल के बीच मधेशी आंदोलन के कारण घुली कड़वाहट को दूर करने के मकसद से नेपाल के प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली शुक्रवार को दिल्ली पहुंचे. अपनी पहली विदेश यात्रा के तौर पर भारत आने वाले ओली का विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने इंदिरा गांधी अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे पर गर्मजोशी से स्वागत किया. हालांकि इस दौरान उन्हें मधेशी छात्रों के विरोध का सामना करना पड़ा. छात्रों ने नेपाली पीएम को काले झंडे भी दिखाए.
केपी शर्मा ओली जैसे ही एयरपोर्ट से बाहर निकले, मधेशी छात्रों ने विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया. छात्रों ने बताया कि मधेश की मांग पर कोई सुनवाई नहीं करने के कारण ही वे ओली का विरोध कर रहे हैं. हालांकि इस दौरान बिना किसी परेशानी के पड़ोसी मुल्क के प्रधानमंत्री को सुरक्षित एयरपोर्ट से बाहर निकाला गया. इस मौके पर भारत में नेपाल के राजदूत दीप कुमार उपाध्याय भी मौजूद थे.
Welcoming our Northern guest. EAM @SushmaSwaraj receives Nepal's PM KP Sharma Oli on his State visit to India. pic.twitter.com/IOXBlSjMXt
— Vikas Swarup (@MEAIndia) February 19, 2016
शनिवार को राष्ट्रपति भवन में औपचारिक स्वागत
ओली को उच्चस्तरीय सम्मान देते हुए राष्ट्रपति भवन के अतिथिगृह में ठहराया गया है. ओली के साथ एक 46 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल भी आया है, जिसमें उपप्रधानमंत्री और विदेश मंत्री कमल थापा सहित विभिन्न राजनीतिक दलों के नेता शामिल हैं. उनका शनिवार को राष्ट्रपति भवन में औपचारिक रूप से स्वागत किया जाएगा. उसके बाद वह राजघाट पर पहुंचकर महात्मा गांधी की समाधि पर श्रद्धांजलि अर्पित करेंगे, जिसके बाद विदेश मंत्री सुषमा स्वराज की उनसे औपचारिक भेंट होगी.
पीएम मोदी से हैदराबाद हाउस में बैठक
शनिवार को दिन के 12 बजे केपी शर्मा ओली हैदराबाद हाउस में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ बैठक करेंगे. शाम को उनकी गृह मंत्री राजनाथ सिंह और वित्त मंत्री अरुण जेटली से भी मुलाकात होगी. उनका ऊर्जा मंत्री पीयूष गोयल और विभिन्न राजनीतिक दलों के नेताओं से भी मुलाकात का कार्यक्रम है.
80 मेगावाट बिजली भारत से निर्यात
नेपाल देश में बिजली संकट से पार पाने के लिए भारत से 80 मेगावाट तक बिजली का आयात शनिवार से शुरू करेगा. नेपाल के उर्जा सचिव सुमन प्रसाद शर्मा ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली नेपाल को बिजली की आपूर्ति के लिए हैदराबाद हाउस से रिमोट कंट्रोल के जरिए धालकेबार-मुजफ्फरनगर पारेषण लाइन का उद्घाटन करेंगे.
रविवार को उत्तराखंड का दौरा
अपनी यात्रा के दौरान ओली रविवार को उत्तराखंड टिहरी जल विद्युत संयंत्र का दौरा करेंगे और मंगलवार 23 फरवरी को गुजरात के भुज जाएंगे, जहां वह डेढ़ दशक पहले भूकंप से हुई तबाही के बाद पुनर्निमाण कार्यों का जायजा लेंगे.
इसी दिन शाम को वह मुंबई पहुंचेंगे और राज्यपाल सी. विद्यासागर राव से मुलाकात करेंगे. ओली बुधवार 24 फरवरी को मुंबई से ही स्वदेश लौट जाएंगे. पिछले वर्ष सितंबर में नेपाल के नए संविधान में मधेसी और अन्य समुदायों के अधिकारों की रक्षा नहीं किए जाने के प्रति भारत के दृष्टिकोण व मधेसियों के सीमा पर आर्थिक नाकेबंदी से दोनों देशों के बीच तल्खी पैदा हो गई थी.
हालांकि, बाद में चौतरफा कूटनीतिक दबाव और घरेलू परिस्थितियों को समझते हुए राजनीतिक दलों ने संविधान में संशोधन किया, जिससे आंदोलनकारियों की समस्याओं का आंशिक समाधान हो सका. इसके बाद मधेसियों ने भी आर्थिक नाकेबंदी समाप्त कर दी. नेपाली नेतृत्व को समझ में आ गया है कि उनके लिए चीन कार्ड के फेल हो जाने के बाद भारत के साथ नेपाल के संबंध सामान्य करना बहुत जरूरी है.
भारत ने नेपाल को साफ किया है कि उसकी चिंता केवल मुद्दों को लेकर है, राजनीति को लेकर नहीं. उसे लगता है कि किसी भी मधेसी को पूरी तरह संतुष्ट नहीं किया जा सकता. नेपाली प्रधानमंत्री ने पिछले साज अक्टूबर में पदभार संभाला था और परंपरा के मुताबिक उनकी पहली विदेश यात्रा भारत की होनी थी.