नेपाल के सेनाध्यक्ष रूकमांगुद कटवाल ने इस्तीफा देने से इनकार कर दिया है और सेना मुख्यालय में कमांडरों की आपात बैठक भी बुलाई है. गौरतलब है कि सेना में माओवादियों की भर्ती को लेकर लंबे समय से चल रही तनातनी के बाद नेपाल की प्रचंड सरकार ने सेनाध्यक्ष को बर्खास्त कर दिया था. उधर नेपाल के राष्ट्रपति ने भी कटवाल की बर्खास्तगी को नामंजूर कर दिया है.
नेपाल सरकार ने कटवाल की जगह लेफ्टिनेंट जनरल कुल बहादुर खडका को सेना का कार्यवाहक प्रमुख बनाया था. नेपाल के सूचना और प्रसारण मंत्री कृष्ण बहादुर महराने प्रधानमंत्री पुष्प कमल दहल 'प्रचंड' के सरकारी आवास पर मंत्रिमंडल की एक बैठक के बाद मीडिया को बताया था कि सेना प्रमुख कटवाल को बर्खास्त कर दिया गया है.
नेपाली एकीकृत कम्युनिस्ट पार्टी (माओवादी) के फैसले से असहमत गठबंधन के अन्य सहयोगी दलों ने मंत्रिमंडल की बैठक का बहिष्कार कर दिया था. कटवाल पर आरोप था कि उन्होंने नई भर्तियों को लेकर सरकार के आदेश का उल्लंघन किया. हालांकि मीडिया रिपोर्ट में बताया गया कि कटवाल ने अपने स्पष्टीकरण पत्र में अपने खिलाफ लगाए गए सभी आरोपों का खंडन किया है.
सैन्य प्रमुख ने कहा कि उन्होंने निर्वाचित सरकार के निर्देशों के अनुसार कार्रवाई की है और देश के लोकतांत्रिक मूल्यों को बरकरार रखा है. सैन्य प्रमुख ने यह भी दावा किया कि उन्होंने न तो सरकारी निर्देशों की अवज्ञा की और न ही उसका उल्लंघन किया. दरअसल, नेपाल सरकार चाहती है कि पूर्व माओवादी विद्रोहियों को सेना में शामिल कर दिया जाए लेकिन सेना के जनरल इसका विरोध कर रहे हैं. नेपाल में 19 हजार माओवादी इन दिनों शिविरों में रह रहे है और वे सेना में शामिल होना चाहते हैं.