मदन मोहन मालवीय और अटल बिहारी वाजपेयी के साथ स्वतंत्रता सेनानी नेताजी सुभाष चंद्र बोस को भी भारत रत्न मिल सकता था. केंद्र सरकार इस संबंध में इच्छुक थी, लेकिन नेताजी के परिवार की एक आपत्ति के चलते यह संभव नहीं हो सका. क्या है नेताजी की मौत का रहस्य?
अंग्रेजी अखबार 'द टाइम्स ऑफ इंडिया' ने सूत्रों के हवाले से दावा किया है कि नेताजी सुभाष चंद्र बोस को भी भारत रत्न देने की मांग मोदी सरकार के पास पहुंची थी और केंद्र को यह विचार पसंद भी आया था. लेकिन, यह प्रस्ताव रखने वालों ने बताया कि सुभाष की मौत से जुड़ी गुत्थी की वजह से उन्हें यह सम्मान नहीं दिया जा सका. दरअसल, नेताजी का परिवार यह मानने को तैयार नहीं है कि उनकी मौत हो चुकी है.
बरकरार है मौत का रहस्य
दरअसल, इंडियन नेशनल आर्मी के संस्थापक सुभाष चंद्र बोस की मौत के 69 साल बाद भी उनकी मौत का रहस्य बरकरार है. 23 जनवरी 1897 को जन्मे सुभाष चंद्र बोस के बारे में कहा जाता है कि 18 अगस्त 1945 को ताइवान की वायुसीमा में कथित विमान हादसे में उनकी मौत हो गई, लेकिन समाज का एक वर्ग ऐसा भी है जो विमान हादसे की बात को स्वीकार नहीं करता है. ताइवान की सरकार ने भी कहा था 1945 में उनके देश में कोई विमान हादसा नहीं हुआ था.
नेताजी को जिंदा मानता है परिवार
हालांकि बोस करीब 70 साल से नहीं देखे गए, लेकिन उनका परिवार और कई समर्थक मानते हैं कि वह आज भी जिंदा हैं और एक दिन सामने आएंगे. यही वजह रही कि नेताजी को भारत रत्न से सम्मानित किए जाने वालों की सूची में नहीं रखा जा सका, क्योंकि सरकार कश्मकश में थी कि उन्हें इस सम्मान के लिए मरणोपरांत लोगों की सूची में रखा जाए या जीवितों की सूची में. मरणोपरांत लोगों की सूची में रखने पर लोगों की भावनाएं आहत होने का खतरा था.
Madan Mohan Malviya passed away in 1946. If he is given Bharat Ratna now, why not Netaji? And Lala Lajpat Rai? Shd there be a cutoff date?
— Shekhar Gupta (@ShekharGupta) December 24, 2014
इस सम्मान का प्रस्ताव रखने वालों ने जब नेताजी के परिवार से बात की, तो उनका परिवार भी अपने इस विश्वास से हटने को तैयार नहीं हुआ कि नेता जी अब जीवित नहीं हैं. इसी साल अगस्त में नेताजी की रिश्तेदार सुगता बोस ने सुभाष को भारत रत्न मिलने की अटकलों पर कहा था कि नेताजी का कद भारत रत्न से कहीं ऊंचा है.