इजरायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतान्याहू ने सोमवार को इजरायली जांच आयोग के समक्ष मानवीय राहत सामग्री लेकर जा रहे जहाजों के काफिले पर इजरायली कमांडो हमले को सही ठहराया. इस हमले में तुर्की के नौ मानवीय राहत कार्यकर्ता मारे गए थे. वह इस मामले में गवाही देने वाली शीर्ष तीन अधिकारियों में पहले हैं.
नेतान्याहू ने दावा किया तुर्की जहाजों के काफिले पर सवार तुर्क कार्यकर्ताओं और उसे रोकने के प्रयास में जुटे इजरायली सेना के बीच इस बहुचर्चित टकराव से लाभ उठाना चाहता है. उल्लेखनीय है कि 31 मई को नाकेबंदी तोड़कर गाजा जा रहे जहाजों के काफिले पर इजरायल के नौसैनिक कमांडों ने हमला किया था. इस हमले में नौ कार्यकर्ता मारे गए थे जबकि कई अन्य घायल हो गए थे.
जहाजों के काफिले पर इजरायली कमांडो हमले की दुनिया भर में जोरदार निंदा की गई थी. इस घटना से इस्राइल और तुर्की के बीच राजनयिक संकट उत्पन्न हो गया. उधर विश्व बिरादरी ने भी मामले की जांच की मांग की थी. इसके बाद नेतान्याहू सरकार ने हमले की वैधता की जांच के लिए तथाकथित तिरकेल आयोग का गठन किया.
नेतान्याहू का कहना था, ‘मैं इस बात से आश्वस्त हूं कि आपकी जांच के अंत में यह स्पष्ट हो जाएगा कि इजरायल और इजरायली रक्षा बलों ने अंतरराष्ट्रीय कानूनों के अनुरूप कार्रवाई की थी.’ पांच सदस्यीय इस आयोग में जब नेतान्याहू गवाही दे रहे थे तब दो अंतरराष्ट्रीय पर्यवेक्षक भी मौजूद थे. इजरायली प्रधानमंत्री ने कहा, ‘हमारे राजनयिक प्रयासों के बावजूद तुर्की सरकार ने जहाजी बेड़े को रोकना का कोई प्रयास नहीं किया जिसका आयोग कट्टरपंथी तुर्की संगठन आईएचएच ने किया था और जिसे हमास का सहयोग प्राप्त था.’