राजनाथ सिंह ने बीजेपी के अध्यक्ष के तौर पर अपना कार्यभार संभाल लिया है. यही नहीं राजनाथ सिंह ने अपनी योजनाएं भी तैयार कर ली हैं. मेल टुडे से खास बातचीत में राजनाथ ने यह संकेत दिया कि दलगत राजनीति से सार्वजनिक हित के मामले प्रभावित नहीं होंगे.
राजनाथ सिंह ने कहा, गृहमंत्री सुशील कुमार शिंदे के भ्ागवा आतंकवाद के बयान के बावजूद बीजेपी सार्वजनिक हित के मामलों में यूपीए का साथ देगी. उन्होंने कहा कि जनता के साथ जुड़े सीधे मुद्दों पर वह सरकार का साथ जरूर देंगे. केंद्र के लिए वित्तीय क्षेत्र के सुधार पर कानून की योजना गंभीर रूप से भाजपा के समर्थन पर निर्भर हैं. वित्त मंत्री पी. चिदंबरम प्रयास कर रहे हैं कि सरकार आगामी संसद के बजट सत्र से पहले बीमा और पेंशन सुधार बिल पास कर दे.
राजनाथ का बयान इस बात की ओर इशारा करता है कि बीजेपी सरकार के साथ होगी अगर इन दोनों बिल में सरकार बीजेपी के सुझावों को शामिल करें. इस साल नौ राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनावों के बारे में बात करने पर राजनाथ सिंह कहते हैं कि स्वीकृत क्षेत्रों में कांग्रेस का सामना करने के लिए विश्वसनीय चेहरों की जरूरत है. विशेषतौर पर दिल्ली और राजस्थान क्षेत्र के लिए कुछ खास चेहरों की जरूरत होगी.
उन्होंने कहा, 'दिल्ली के लिए तो निश्चित रूप से एक विश्वसनीय चेहरे की जरूरत है और इसपर जल्द ही निर्णय ले लिया जाएगा. दिल्ली बीजेपी अंदरूनी कलह के चलते कमजोर हो रही है. वहीं दक्षिण में कर्नाटक एकमात्र राज्य है जहां बीजेपी सरकार है. यहीं पर बी एस येदियुरप्पा के विद्रोह ने पार्टी को किनारे पर लाकर खड़ा कर दिया है. राजनाथ सिंह के नेतृत्व में अलग-अलग राज्यों में चुनाव एक बड़ी चुनौती होगी.
यही नहीं राजनाथ सिंह ने इन सब का अध्ययन कर योजनाएं बनाने का काम भी शुरू कर दिया है. सिंह ने कहा, 'मै जल्द ही राज्यों के नेताओं के साथ आने वाले चुनावों को लेकर बैठक कर रहा हूं. इस बैठक में पार्टी की रणनीति के बारे में चर्चा की जाएगी.' राजनाथ आने वाले दो महीनों में सभी प्रमुख राज्यों का दौरा भी करेंगे.
राजनाथ सिंह की उत्तर प्रदेश को लेकर कुछ विशेष योजनाएं हैं जिनपर काम करके केंद्र में वापसी का रास्ता बनाया जा सके. सिंह को पूरा भरोसा है कि अगले राष्ट्रीय चुनावों में उत्तर प्रदेश की जनता बीजेपी को जरूर वोट करेगी.