जघन्य अपराधों से जुड़े 16 से 18 वर्ष के किशोर आरोपियों पर वयस्क कानून के तहत मुकदमा चलाने वाला एक विधेयक अगले सप्ताह लोकसभा में पेश किये जाने की उम्मीद है. इस पर फिर से चर्चा करने की एक संसदीय समिति की सिफारिशों को दरकिनार करते हुए कैबिनेट ने 22 अप्रैल को जुवेनाइल जस्टिस (बाल संरक्षण) एक्ट 2014 को मंजूरी प्रदान कर दी थी.
विधेयक में कहा गया है कि यदि 16 से 18 वर्ष का कोई व्यक्ति जघन्य अपराध करता है तो उस पर किशोर न्याय बोर्ड फैसला करेगा कि अपराध एक बच्चे के रूप में किया है या एक वयस्क के रूप में. इसी के तहत बोर्ड मामले की सुनवाई करेगा, जिसमें मनोवैज्ञानिक और सामाजिक विशेषज्ञ भी शामिल होंगे.
यह विधेयक जुवेनाइल जस्टिस एक्ट 2000 की जगह पर लागू होगा.
- इनपुट भाषा