बिहार के बोधगया मंदिर में हुए धमाकों में कोई नया आतंकवादी मॉड्यूल शामिल हो सकता है क्योंकि मौके से बरामद जिन आईईडी में विस्फोट नहीं हुआ था वे उन आईईडी से मेल नहीं खाते जिनका इस्तेमाल देश में पहले हो चुके आतंकवादी हमलों में किया जा चुका है.
एनआईए (राष्ट्रीय जांच एजेंसी) के सूत्रों ने बताया कि महाबोधि मंदिर से बरामद तीन आईईडी, जिनमें विस्फोट नहीं हुआ था, के शुरूआती विश्लेषण से पता चला है कि वे उन आईईडी से मेल नहीं खाते जिनका इस्तेमाल देश में पहले हो चुके आतंकवादी हमलों में किया गया है.
आतंकवादियों को दबोचने की कोशिश में एनआईए आईईडी बनाने के तरीकों का पिछले धमाकों में इस्तेमाल किए गए तरीकों से मिलान कर रही है ताकि हमले में शामिल मॉड्यूल का पता चल सके.
सूत्रों ने कहा कि महाबोधि मंदिर के धमाकों में इस्तेमाल आईईडी पिछले किसी धमाके से मेल नहीं खाते जिससे संकेत मिल रहे हैं कि इस हमले को किसी नए मॉड्यूल ने अंजाम दिया होगा. बहरहाल, सूत्रों ने कहा कि यह जांच अधिकारियों का शुरूआती आकलन मात्र है और आगे की जांच से ही तस्वीर साफ हो सकेगी.
इस बीच, रविवार को महाबोधि मंदिर में हुए सीरियल बम धमाकों के सिलसिले में एनआईए ने बुधवार को एक मामला दर्ज किया. हमले में दो बौद्ध भिक्षु जख्मी हो गए थे. मामला दर्ज करने के तुरंत बाद एनआईए ने सीसीटीवी फुटेज जब्त कर लिए और जिन तीन आईईडी में धमाका नहीं हुआ था, उनसे अंगुली के निशान लेने में फोरेंसिक विशेषज्ञों की मदद ली.