एनजीटी और दिल्ली हाईकोर्ट ने दिल्ली सरकार, एमसीडी और पंजाब-हरियाणा को भी फटकार लगाई है. जिसके बाद दिल्ली सरकार ने 5 दिनों के लिए ऑड इवन लागू करने का फैसला किया है. इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केंद्र के आंगन में साहित्य आजतक की महफिल जमेगी. एक साथ पढ़िए शुक्रवार सुबह की पांच बड़ी खबरें.
1- दिल्ली के लिए सिर्फ 'ऑड इवन' ही काफी नहीं, इन 5 उपायों पर भी करना होगा विचार
राजधानी दिल्ली पिछले कुछ दिनों से धुंध से लड़ रही है. सांस लेने को तरस रही है. एनजीटी और दिल्ली हाईकोर्ट ने दिल्ली सरकार, एमसीडी और पंजाब-हरियाणा को भी फटकार लगाई है. जिसके बाद दिल्ली सरकार ने 5 दिनों के लिए ऑड इवन लागू करने का फैसला किया है. लेकिन क्या सिर्फ ऑड इवन से ही दिल्ली ये प्रदूषण की जंग जीत पाएगी. या कुछ और भी सख्त कदम उठाने की जरूरत है.
2- आज से सजेगा साहित्य आजतक का मंच, संगीत-कला और साहित्य के दिग्गजों का लगेगा मेला
दिल्ली के गलियारों में गुलाबी सर्दी अपने पांव फैलाने लगी है. कोहरा थोड़ा ज्यादा है, लेकिन ये दिल्ली की तबीयत है. इसी कोहरे की चादर तले इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केंद्र के आंगन में साहित्य आजतक की महफिल जमेगी. साथ में होंगे हिंदुस्तान के नामचीन फनकार, जो अपने सुरों और शब्दों से साहित्य आजतक की महफिल को चार चांद लगाएंगे.
3-धोनी के बचाव में उतरा टीम इंडिया का एक पुराना सलामी बल्लेबाज, की 'कैप्टन कूल' की तारीफ
भारत ने भले ही न्यूजीलैंड से T-20 सीरीज जीत ली हो लेकिन इस सीरीज के दूसरे मैच में धोनी की असफल बल्लेबाजी पर छिड़ी बहस खत्म होने का नाम ही नहीं ले रही. गौरतलब है कि इस मैच में टीम इंडिया के पूर्व कप्तान महेन्द्र सिंह धोनी 50 रन भी नहीं बना पाए थे. देश के पूर्व खिलाड़ियों और क्रिकेट विशेषज्ञों ने उनकी आलोचना की तो कई खिलाड़ियों ने उनके पक्ष में भी बातें कहीं. अब उसी बहस में उतरा नया नाम है गौतम गंभीर.
4- दिल्ली में तीसरी बार ऑड-इवन, दुनिया के इन शहरों में हो चुका है लागू
दिल्ली में 13 से 17 नवंबर तक ऑड-इवन स्कीम लागू होने जा रही है. दिल्ली में ऑड इवन का यह तीसरा चरण होगा. राज्य सरकार ने ये फैसला राजधानी क्षेत्र में बढ़ते प्रदूषण के मद्देनजर किया है. बता दें, इस स्कीम को दूनिया के और भी दूसरे देशों में भी लागू किया जा चुका है. पढ़ें अलग-अलग शहरों में इसके क्या प्रभाव रहे.
5-जीएसटी परिषद की बैठक, घट सकती है कुछ वस्तुओं पर टैक्स की दर
जीएसटी परिषद उच्च कर वाली 28 प्रतिशत की श्रेणी में आने वाले कुछ जरूरी वस्तुओं की संख्या घटाने पर शुक्रवार को विचार कर सकती है. इसके साथ ही दैनिक उपभोग की वस्तुओं, प्लास्टिक उत्पादों और हस्तनिर्मित फर्नीचर के लिए जीएसटी दर में भी कमी की उम्मीद की जा रही है. जीएसटी में छोटे-छोटे बदलावों के पीछे परिषद की मंशा ग्राहकों को राहत प्रदान करने की है.