कई राज्यों में किसानों का प्रदर्सन आज लगातार दूसरे दिन भी जारी है. किसान सब्जियों, दूध और अन्य उत्पाद सड़कों पर फेंक रहे हैं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सिंगापुर दौरे का आज दूसरा और आखिरी दिन है. सिंगापुर में आज पीएम मोदी ने अमेरिकी रक्षा सचिव जेम्स मैटिस से मुलाकात की. पढ़ें सुबह की बड़ी खबरें.
1- किसानों की हड़ताल से सप्लाई ठप, दिल्ली में टमाटर की कीमत दोगुने से ज्यादा
केंद्र सरकार की किसान विरोधी नीतियों के खिलाफ राष्ट्रीय किसान महासंघ द्वारा बुलाई गई राष्ट्रव्यापी हड़ताल का आज दूसरा दिन है. देश के सात राज्यों में जारी इस हड़ताल में 130 संगठन शामिल हैं. आज भी कई जगहों पर प्रदर्शन के आसार हैं. हड़ताल के पहले दिन किसानों के गुस्से की तस्वीर सामने आई. कहीं किसानों ने सड़कों पर दूध बहाया तो किसी राज्य में सब्जियां सरेराह फेंक दी गईं.
2- दिनेश शर्मा से पहले मोदी समेत BJP के दिग्गज नेता दे चुके हैं ये 'दिव्य ज्ञान'
उत्तर प्रदेश के उप मुख्यमंत्री दिनेश शर्मा शुक्रवार को दिए अपने एक बयान की वजह से सुर्खियों में आ गए. मथुरा में एक कार्यक्रम में संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि सीता जी का जन्म मिट्टी के बर्तन से हुआ था, यानी उस समय भी टेस्ट ट्यूब से बच्चे पैदा करने का चलन था. यही नहीं दिनेश शर्मा ने कहा कि सीता जी भी टेस्ट ट्यूब बेबी हो सकती हैं.
3- LIVE: सिंगापुर में अमेरिका के रक्षा सचिव जेम्स मैटिस से मिले पीएम मोदी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सिंगापुर दौरे का आज दूसरा और आखिरी दिन है. सिंगापुर में आज पीएम मोदी ने अमेरिकी रक्षा सचिव जेम्स मैटिस से मुलाकात की. इसके बाद वह चूलिया मस्जिद, श्रीमरम्मन मंदिर और इंडियन हेरिटेज सेंटर भी जाएंगे. मेटिस से मुलाकात के पहले पीएम मोदी सिंगापुर के पूर्व प्रधानमंत्री गोह चोक तोंग से मिले.
4- पश्चिम बंगाल समेत कई राज्यों में बारिश का कहर, 12 लोगों की मौत
पश्चिम बंगाल, उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश और दिल्ली-एनसीआर समेत देश के कई हिस्सों में शुक्रवार को मौसम का मिजाज बदल गया. कई इलाकों में मूसलाधार बारिश हुई और आंधी चली, जिसके चलते जहां एक ओर तापमान में भारी गिरावट दर्ज की गई है, तो वहीं दूसरी ओर लोगों की दिक्कतें भी बढ़ गईं.
5- क्या मोदी सरकार की परिवारवाद के खिलाफ लड़ाई सिर्फ सियासी शिगूफा भर है?
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अक्सर गांधी परिवार पर हमला बोलते हुए वंशवाद की राजनीति को कोसते रहते हैं. उनके भाषणों से लगता है कि उनकी पार्टी इस बीमारी से मुक्त होगी या उनके प्रभाव के चलते दूसरे दल इससे परहेज करना शुरू कर देंगे, लेकिन लोकसभा की चार और विधानसभा की 10 सीटों पर हुए उपचुनावों में वंशवाद ही वंशवाद नजर आया. खुद बीजेपी भी इससे अछूती नहीं रही.