नेशनल फेडरेशन ऑफ इंडिया रेलवेमैन (एनएफआईआर) ने रेलवे में एफडीआई का जोरदार विरोध किया है. यूनियन ने जून से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाने की धमकी दी है.
एनएफआईआर महासचिव एम राघवैया ने रेलवे में एफडीआई को गैर जरूरी बताते हुए कहा, ‘रेलवे को धीरे धीरे विदेशी हाथों में डालने का सरकार का कदम ईस्ट इंडिया कंपनी के प्रवेश जैसा है जिसने बाद में देश पर शासन किया.’ राघवैया ने सेंट्रल रेलवे मजदूर संघ के क्षेत्रीय सम्मेलन के मौके पर कहा, ‘एनएफआईआर रेलवे में एफडीआई के जबर्दस्त खिलाफ है और वह उसका जोरदार विरोध करेगा.’
राघवैया ने कहा अगर सरकार कुछ नई परियोजनाओं के लिए धन जुटाना चाहती है तो उसके लिए परियोजना की प्राथमिकता तय करना उचित होगा और फिर वह कुछ हद तक पीएफ का इस्तेमाल कर सकती है. उनकी तनख्वाह से भी थोड़ी राशि ली जा सकती है.
उन्होंने कहा कि एनएफआईआर ने रेलमंत्री सुरेश प्रभु के सामने एफडीआई को लेकर अपना विरोध दर्ज कराया है और उन्हें एफडीआई के खतरे से वाकिफ कराया है.
एनएफआईआर ने सरकार पर आरोप लगाया कि वह रेलवे में सुरक्षा पहलुओं की उपेक्षा कर रही है. यूनियन ने कहा कि ऑपरेटिंग और बाकी विभागों में खाली पदों को सरकार भर नहीं रही है.
राघवैया ने किराए में बढ़ोतरी की सिफारिश की. उन्होंने बुलेट ट्रेन की खिल्ली उड़ाते हुए कहा कि देश को धनी लोगों के लिए ट्रेन नहीं, बल्कि आमजन के लिए ज्यादा ट्रेन की जरूरत है.
भाषा से इनपुट