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डेयरी-गोशालाओं से निलकने वाले कचरों पर CPCB दे रिपोर्ट: NGT

NGT ने अपने आदेश में कहा है कि केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड राज्य स्तर पर, जबकि लोकल बॉडीज नगरपालिका लेवल पर कुछ नियम बनाए. जिसके आधार पर डेयरी से निकलने वाले कचरों के लिए गोशालाओं पर जुर्माना लगाया जाए जो कि वॉटर बॉडीज के लिए खतरा है, या फिर वायु प्रदूषण बढ़ा रहे हैं.

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NGT ने गोशालाओं के लिए निर्देश बनाने को कहा (प्रतीकात्मक फोटो)
NGT ने गोशालाओं के लिए निर्देश बनाने को कहा (प्रतीकात्मक फोटो)

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  • केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड एक महीने में बनाए गाइडलाइन
  • 30 सितंबर तक NGT के सामने पुख्ता रिपोर्ट पेश करने का निर्देश

नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (NGT) ने केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) को पूरे देश में एक गाइडलाइन जारी करने का निर्देश दिया है. NGT ने गुरुवार को निर्देश जारी करते हुए कहा है कि CPCB देशभर में डेयरियों द्वारा पार्यावरण नियमों के पालन की निगरानी करने और प्रदूषण की जांच के लिए एक महीने के भीतर दिशा-निर्देश जारी करे. NGT प्रमुख न्यायमूर्ति आदर्श कुमार गोयल की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा है कि कम से कम डेयरी और गोशाला की वाटर बॉडीज से दूरी जरूर स्पष्ट कर दी जाए.

NGT ने अपने आदेश में कहा है कि केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड राज्य स्तर पर, जबकि लोकल बॉडीज नगरपालिका लेवल पर कुछ नियम बनाए. जिसके आधार पर डेयरी से निकलने वाले कचरों के लिए गोशालाओं पर जुर्माना लगाया जाए जो कि वॉटर बॉडीज के लिए खतरा है, या फिर वायु प्रदूषण बढ़ा रहे हैं.

दरअसल NGT ने अपने आदेश में कहा है कि एनवायरमेंट नॉर्म्स के हिसाब से वॉटर एक्ट 1974, एयर एक्ट 1981 और एनवायरमेंट प्रोटक्शन एक्ट 1986 का पालन लोकल एनवायरमेंट एजेंसी से कराएं.

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NGT ने निर्देश दिया है केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड एक महीने के भीतर इसपर गाइडलाइन तैयार करे. इसके अलावा राज्य स्तर पर पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड 2 महीने के भीतर इस पर अपनी पूरी रिपोर्ट दें. जिसके आधार पर केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड 30 सितंबर तक एक पुख्ता रिपोर्ट NGT के सामने पेश करे.

NGT ने सुनवाई के दौरान पाया कि एक पशु जिसका वजन तकरीबन 400 किलो के आसपास है, वह हर रोज 15 से 20 किलो डिस्चार्ज (गोबर और मूत्र) करता है. गोशालाओं और डेयरियों द्वारा इनके समुचित निकास की व्यवस्था नहीं की जाती है जिसके चलते यह सीधे नदियों और वाटर बॉडीज में जाकर गंदगी और इन्फेक्शन को बढ़ाता है.

केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने एजेंसी को इस मामले में बताया कि 26 राज्यों और यूनियन टेरिटरी में 2,73,437 डेयरी हैं, जबकि इन डेयरियों में पशुओं की संख्या 21,34,018 है.

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NGT ने कहा कि CPCB स्पष्ट बताए कि किन-किन गतिविधियों पर मुआवजा वसूला जा सकता है. पीठ ने वीडियो कान्फ्रेंस के माध्यम से सुनवाई करते हुए कहा, 'CPCB आज से ठीक एक महीने के अंदर दिशा-निर्देश तय करे. फिर दो महीने बाद राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्डों से अनुपालन रिपोर्ट मांगी जाएगी. प्राप्त सूचना के आधार पर एक समेकित रिपोर्ट CPCB द्वारा 30 सितंबर तक दाखिल की जा सकती है.'

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