उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में आयोजित हो रहे कुंभ पर राष्ट्रीय हरित प्राधिकारण (एनजीटी) की नजर है. एनजीटी ने उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को प्रयागराज में कुंभ मेला 2019 के दौरान पर्यावरण के मानकों की निगरानी करने का आदेश दिया है. एनजीटी ने उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड से कहा है कि पर्यावरण के मानकों की निगरानी रखने में कोई लापरवाही नहीं होनी चाहिए.
इस बार के कुंभ में करीब 5 करोड़ श्रद्धालुओं के प्रयागराज पहुंचने की उम्मीद है. यह बहुत बड़ा आयोजन है जिसके लिए उत्तर प्रदेश सरकार ने खास व्यवस्था की है. लेकिन इस आयोजन में इतनी बड़ी संख्या में पहुंचने वाले लोगों के कारण प्रदूषण न हो, इसे लेकर एनजीटी आश्वस्त होना चाहता है. वह चाहता है कि सरकार और एजेंसियों प्रदूषण रोकने के लिए क्या कदम उठाना चाहती हैं यह मेला शुरू होने से पहले ही सुनिश्चित होना चाहिए.
प्रयागराज में 15 जनवरी से चार मार्च 2019 तक चलने वाले कुंभ की तैयारियां पूरी हो चुकी हैं. लेकिन इसके आगाज होने से पहले ही एनजीटी चाहता है कि कुंभ में आने वाली भारी भीड़ के चलते उस इलाके में कचरे के प्रबंधन की संपूर्ण व्यवस्था हो. एनजीटी ने कहा कि धार्मिक त्योहार बड़े पैमाने पर आयोजित किए जा रहे हैं. ऐसे में लोगों को शिक्षित करके कचरे के प्रबंधन के बारे में जानकारी देनी चाहिए. हालांकि उत्तर प्रदेश सरकार का कहना है कि उन्होंने करीब 5000 शौचालयों का निर्माण कुंभ के लिए खास तौर पर किया है.
एनजीटी ने शहरी विकास और आवास मंत्रालय समेत अन्य संबंधित विभागों को सुझाव दिया है. एनजीटी ने कहा है कि मंत्रालय को प्रदूषण की रोकथाम के लिए कुंभ मेले में पोस्टर और बैनर लगाने चाहिए. अपशिष्ट प्रबंधन के संबंध में लोगों को शिक्षित करने के लिए पर्चे भी वितरित किए जाए.
एनजीटी चाहता है कि कुंभ में आने वाले श्रद्धालुओं को मेले में सुविधाएं भी मिले. साथ ही यह प्रचार भी किया जाए कि श्रद्धालुओं को किन निर्देशों का पालन करना है जिनसे प्रदूषण पर लगाम लग सकती है. वायु प्रदूषण को बढ़ाने में ट्रैफिक जाम का बहुत बड़ा योगदान होता है, लिहाजा पार्किंग की समुचित व्यवस्था और ट्रैफिक जाम की स्थिति से निपटने और प्रदूषण पर लगाम लगाने में कारगर साबित हो सकता है.