आध्यात्मिक गुरु और आर्ट ऑफ लिविंग फाउंडेशन के संस्थापक श्रीश्री रविशंकर का समारोह दिल्ली में अपने तय समय पर होगा. नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल ने दो दिनों की सुनवाई के बाद इसकी मंजूरी दे दी. श्रीश्री ने इस फैसले पर असंतोष जताया. उन्होंने कहा कि हम इसके खिलाफ अपील करेंगे.
हम इस निर्णय से संतुष्ट नहीं हैं I हम अपील करेंगे I सत्यमेव जयते!
— Sri Sri Ravi Shankar (@SriSri) March 9, 2016
कुछ लोगों ने कहा ये ज़ुल्म हैं, आप को जुर्माना करेंगे।
— Sri Sri Ravi Shankar (@SriSri) March 9, 2016
हम ने हँस के कहा, हम जुनून हैं उसके, जिसके आप हो! (2)
दिल से हम ने दिल्ली वालों से कहा, यमुना के किनारे थोड़ी सी ज़मीन दो;
— Sri Sri Ravi Shankar (@SriSri) March 9, 2016
झाड़ू लगाएँगे, जादू दिखाएँगे, दुनिया को बुलाएँगे, जन्नत उतारेंगे। (1)
पारिस्थितिकि नुकसान के लिए भारी जुर्माना
ट्रिब्यूनल ने यमुना के बाढ़ क्षेत्र में होने वाले पारिस्थितिकि नुकसान के लिए फाउंडेशन पर पांच करोड़ रुपये का जुर्माना भी लगाया है. ट्रिब्यूनल ने पर्यावरण और जल संसाधन मंत्रालय के साथ ही डीडीए को ड्यूटी में चूक के लिए फटकार लगाई. इसके लिए डीडीए पर पांच लाख और डीपीसीसी पर एक लाख रुपये का जुर्माना लगाया गया है.
सरकार से मांगे 53 लाख रुपये
आर्ट ऑफ लिविंग की तरफ से केंद्रीय शहरी विकास मंत्रालय को लिखी चिट्ठी में कहा गया है कि वो केंद्र सरकार की स्वच्छ भारत योजना के तहत इस कार्यक्रम के लिए 53 लाख रुपये चाहते हैं. इस रकम से ट्वायलेट, डस्टबिन खरीदे जाएंगे और स्वयंसेवकों को लगाया जाएगा. केंद्र सरकार ने इस प्रस्ताव पर अमल के लिए दिल्ली सरकार को श्रीश्री रविशंकर से मिली चिट्ठी को आगे बढ़ा दिया है. इंडिया टुडे नेटवर्क को आर्ट ऑफ लिविंग की वो चिट्ठी मिली है जिसमें फंड की डिमांड का प्रस्ताव केंद्रीय शहरी विकास मंत्रालय से किया गया है.
11-13 मार्च को समारोह में आएंगे 3.5 लाख लोग
आर्ट ऑफ लिविंग फाउंडेशन के 35 साल हो जाने के मौके पर होने वाला तीन दिनों का यह समारोह 11- 13 मार्च को होगा. उद्घाटन के दिन भव्य कार्यक्रम में 35,973 कलाकार एक साथ सांस्कृतिक प्रस्तुति देंगे. इसमें दुनिया भर से करीब 3.5 लाख लोगों के आने की उम्मीद है. बड़े पैमाने पर समारोह की तैयारी की जी रही है.
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पर्यावरणविदों ने उठाए थे सवाल
श्रीश्री रविशंकर की संस्था की ओर से दिल्ली के मयूर विहार इलाके में यमुना किनारे अंतरराष्ट्रीय स्तर के कार्यक्रम का भव्य आयोजन किया जाना है. पर्यावरणविदों ने शुरुआत में ही समारोह को लेकर नियमों के उल्लंघन और यमुना कछार को होने वाली दिक्कतों पर सवाल उठाया था.