नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (NGT) ने सोमवार को दिल्ली-एनसीआर में पुरानी डीजल गाडि़यों पर बैन के मामले में सरकार को और मोहलत दे दी. NGT ने फिलहाल अगली सुनवाई तक केंद्र सरकार को राहत दी है. अगली सुनवाई 25 को होगी.
सरकार से पूछे सवाल
NGT ने केंद्र सरकार से वाहनों की फोर फैक्टर्स-एज को पर जवाब मांगा है. सरकार से यह भी पूछा गया है कि उन वाहनों को लेकर आपकी क्या नीति है, जो राज्य से बाहर बेचे या भेजे जाते हैं. NGT ने सरकार से यह भी पूछा कि क्या आप पुराने वाहनों को कबाड़ में निकालने पर कुछ प्रोत्याहन देते हैं.
IIT की रिपोर्ट को किया खारिज
केंद्र सरकार ने IIT-दिल्ली की ताजा स्टडी की रिपोर्ट गाडि़यों पर बैन के खिलाफ आधार बनाकर पेश की, लेकिन ट्रिब्यूनल ने उसे खारिज कर दिया. दरअसल इस स्टडी में कहा गया है कि कि पुरानी गाडि़यों पर बैन लगाने से PM2.5 प्रदूषण का स्तर सिर्फ एक फीसदी कम होगा. केंद्र इसी स्टडी को अपने विरोध का जरिया बनाएगा. PM2.5 से फेफड़ों का कैसर, रेस्पिरेट्री इंफेक्शन और हृदय से जुड़ी बीमारियां होती हैं. हालांकि इससे पहले जो स्टडीज हुई हैं, उनमें कहा जाता रहा है कि वायु प्रदूषण में गाडि़यों का योगदान लगभग 20 फीसदी तक है.