दिल्ली में पानी में अमोनिया की मात्रा बढ़ने को लेकर लगाई गई दिल्ली जल बोर्ड की याचिका पर एनजीटी ने दिल्ली और हरियाणा सरकार को पानी में प्रदूषण के कारणों का पता लगाने के निर्देश दिए हैं. दोनों ही सरकारें प्रदूषण और अमोनिया के पानी मे बढ़ें स्तर के लिए एक दूसरे को जिम्मेदार ठहरा रही है.
इसके अलावा एनजीटी ने सेंट्रल पॉल्युशन कंट्रोल बोर्ड को दिल्ली में पानी के सैम्पल दोबारा लेने के आदेश दिए हैं. इससे अमोनिया का पानी में फ़िलहाल क्या स्तर है इसका पता चल सके. कोर्ट ने इसकी रिपोर्ट सोमवार तक देने के निर्देश दिए हैं.
सुनवाई में ये भी बताया गया है कि वज़ीराबाद का STP फ़िलहाल ठीक से काम नहीं कर पा रहा है, जिसके चलते अमोनिया का स्तर वहां बहुत ज़्यादा है. एनजीटी अब अगली सुनवाई 27 फ़रवरी को करेगा.
हरियाणा सरकार के वकील ने सुनवाई के दौरान बताया कि एनजीटी के आदेश पर 16 फरवरी को दिल्ली और हरियाणा के चीफ सेक्रेटरी की मीटिंग बुलाई गई थी. इसमें दिल्ली के चीफ सेक्रेटरी हिस्सा नहीं ले सके. दिल्ली के बाकी अधिकारियों के साथ अमोनिया के लेवल को कम करने के लिए सुझाव दिए गए हैं.
इससे पहले सेंट्रल पॉल्युशन कंट्रोल बोर्ड ने एनजीटी में जो अपनी रिपोर्ट दी थी, उसमें पानी में अमोनिया का स्तर यमुना में 38.0mg तक पाया गया था. पोर्टेबल पानी में अमोनिया 0.8mg से ऊपर नहीं होना चाहिए.