गाजीपुर लैंडफिल साइट से ठोस कचरा अलग करने के लिए टेंडर नहीं निकालने पर नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल ने भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण यानि एनएचएआई को फटकार लगाई है. सुनवाई के दौरान एनजीटी ने कहा कि, "अब तक ठोस कचरे को बाकी के कचरे से अलग करने को लेकर कोई टेंडर तक जारी नहीं किया गया है. इससे एक तरफ लैंडफिल साइट पर कूड़ा बढ़ता रहेगा और दूसरी तरफ एनएचएआई के प्रोजेक्ट में भी देरी हो रही है".
एनजीटी ने एनएचएआई से कहा कि आप ठीक से काम नहीं कर रहें हैं और वो भी तब जब ग़ाज़ीपुर वाली घटना हो चुकी है. आपको टेंडर के लिए आवेदन मिल चुके हैं. आप आवेदन देने वालों में से किसी को भी तत्काल कूड़ा अलग करने के लिए कह सकते थे, लेकिन आपने ऐसा नहीं किया. इसके लिए काम करने वाली कंपनी को भुगतान अलग से किया जा सकता था पर अब तक आपने सिर्फ समय ही बर्बाद किया है. एनएचएआई के वकील ने कहा कि टेंडर के लिए आवेदन आ रहे हैं. 21 सितंबर को टेंडर जारी किया जाएगा.
एनजीटी ने ईस्ट एमसीडी को 20 सितंबर तक कूड़ा अलग करने और कूड़े के जैव उपचार को लेकर रिपोर्ट देने को कहा है. ईस्ट एमसीडी ने एनजीटी को आज की सुनवाई के दौरान बताया कि गाजीपुर लैंड फिल साइट 1984 में शुरू हुई थी. फिलहाल यहां 1300 मिलियन मेट्रिक टन कूड़ा है और कूड़े के पहाड़ की ऊंचाई 45 मीटर तक पहुंच चुकी है. 1 सितंबर को गाजीपुर लैंडफिल साइट पर 45 मीटर ऊंचे कूड़े के पहाड़ का एक हिस्सा ढह गया था. कूड़े के नीचे दबने से दो लोगों की मौत हो गई थी, जबकि कई लोग घायल हो गए थे.