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विशाखापट्टनम: जहरीली गैस का मामला पहुंचा NGT, उठी जांच की मांग

विशाखापट्टनम में जहरीली गैस रिसाव के मामले में एनजीटी में याचिका दायर की गई है. याचिका में मांग की गई है कि हादसे की उच्च स्तरीय जांच कमेटी बने और वैज्ञानिक भी इस जांच में शामिल हों. लापरवाही बरतने वाले लोगों पर तत्काल कार्रवाई की मांग भी की गई है.

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गैस लीक कांड का भयावह मंजर (PTI)
गैस लीक कांड का भयावह मंजर (PTI)

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  • गैस रिसाव के चलते 5 गांव हुए प्रभावित
  • दुर्घटना में 11 की मौत, 20 से ज्यादा गंभीर
विशाखापट्टनम में जहरीली गैस के रिसाव से जुड़े मामले में नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल में एक याचिका दाखिल की गई है. याचिकाकर्ता ने एनजीटी से गुहार लगाई है कि इस मामले में जल्द से जल्द सुनवाई की जाए. याचिका में मांग की गई है कि इस पूरे मामले की जांच के लिए एक उच्चस्तरीय जांच कमेटी तुरंत नियुक्त की जाए.

याचिका में मांग की गई है कि इस मामले में जिस स्तर पर भी लापरवाही हुई है, उन लोगों के खिलाफ तुरंत कार्रवाई की जाए. इसके अलावा याचिका में वैज्ञानिकों की एक टीम की नियुक्ति किए जाने की भी मांग की गई है, जिससे यह साफ हो सके कि किन हालातों में जहरीली गैस का रिसाव हुआ.

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याचिका में कहा गया है कि गैस रिसाव के चलते करीब 5 जिले इससे प्रभावित हुए हैं. हजारों लोग फिलहाल इस जहरीली गैस के रिसाव के कारण बीमार हुए हैं. कई लोगों ने अपनी जान गंवा दी है और कई लोग अभी भी गंभीर हालत में अस्पताल में भर्ती हैं. ऐसे में इन लोगों के सही उपचार की व्यवस्था के लिए सरकार के साथ-साथ विशाखापट्टनम प्रशासन को भी एनजीटी की तरफ से निर्देश जारी किए जाएं.

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प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड से भी हुई लापरवाही

याचिका में कहा गया है कि लापरवाही के चलते गैस रिसाव के इस मामले में यह तो साफ हो गया है कि राज्य सरकार के प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड और इंडस्ट्रियल कंपनी की तरफ से लापरवाही की गई. यह याचिका एनजीओ कोयल फाउंडेशन की तरफ से वकील गौरव कुमार बंसल के माध्यम से लगाई गई है.

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सरकार के उपायों पर भी सवाल

याचिका में कहा गया है कि आंध्र प्रदेश सरकार फिलहाल लोगों को सुरक्षित करने के लिए क्या उपाय कर रही है. कोर्ट की तरफ से इसकी जानकारी भी मंगाई जाए. इलाकों में रहने वाले लोगों को सांस लेने तक में दिक्कत हो रही है, ऐसे में उनको रीलोकेट करने से लेकर उनकी बुनियादी जरूरतों के लिए भी एनजीटी की तरफ से दिशा निर्देश जारी किए जाएं. याचिका में कहा गया है कि जहरीली गैस के रिसाव के चलते बच्चे भी इसकी जद में आए हैं लिहाजा उनके इलाज की उचित व्यवस्था को भी सुनिश्चित किया जाए.

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