scorecardresearch
 

NHRC से महाराष्‍ट्र सरकार से पूछा, Fb पोस्‍ट के लिए गिरफ्तार लड़कियों को मुआवजा क्‍यों नहीं?

राष्‍ट्रीय मानवाधिकार आयोग (NHRC) ने महाराष्‍ट्र सरकार से उन दो लड़कियों को 50-50 हजार रुपये मुआवजा देने के संबंध में पूछा है, जिन्‍हें एक फेसबुक पोस्‍ट के बाद हिरासत में लिया गया था. दोनों लड़कियों ने शिवसेना प्रमुख बाल ठाकरे के निधन के बाद सोशल नेटवर्किंग वेबसाइट पर पोस्‍ट किया था, जिसे आपत्तिजनक बताते हुए उन्‍हें हिरासत में ले लिया गया था.

Advertisement
X
symbolic image
symbolic image

राष्‍ट्रीय मानवाधिकार आयोग (NHRC) ने महाराष्‍ट्र सरकार से उन दो लड़कियों को 50-50 हजार रुपये मुआवजा देने के संबंध में पूछा है, जिन्‍हें एक फेसबुक पोस्‍ट के बाद हिरासत में लिया गया था. दोनों लड़कियों ने शिवसेना प्रमुख बाल ठाकरे के निधन के बाद सोशल नेटवर्किंग वेबसाइट पर पोस्‍ट किया था, जिसे आपत्तिजनक बताते हुए उन्‍हें हिरासत में ले लिया गया था.

Advertisement

साल 2012 में मीडिया रिपोर्ट के हवाले से संज्ञान लेते हुए आयोग ने सरकार को मुआवजा देने की बात कही थी, जिसे लेकर अभी तक कोई प्रतिक्रिया नहीं हुई. आयोग ने कहा कि लड़कियों को हिरासत में लेना उनकी अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का हनन जो देश के हर नागरिक को संविधान द्वारा दिया गया है.

सरकार बताए मुआवजा क्‍यों नहीं
आयोग ने महाराष्‍ट्र सरकार से सवाल किया है कि दोनों लड़कियों को मुआवजा क्‍यों नहीं दिया जाना चाहिए. इसके साथ ही महाराष्‍ट्र मुख्‍य सचिव से कहा गया है कि वह चार हफ्ते में मामले में मुआवजे दिए जाने के सबूत समेत एक अनुपालन रिपोर्ट सौंपे. आयोग ने सरकार को चेतावनी दी है कि अगर समय से मुआवजा नहीं दिया जाता है तो उसे मजबूरी में एक्‍शन लेना होगा.

गौरतलब है कि नवंबर 2012 में शिवसेना प्रमुख के निधन के बाद शहर में बंद का आह्वान किया गया था. दोनों लड़कियों ने फेसबुक का इसकी निंदा करते हुए पोस्‍ट शेयर किया था, जिसे आपत्तिजनक बताते हुए उन्‍हें हिरासत में लिया गया था.

Advertisement

आयोग ने मामले में कहा कि बंद को कोर्ट के द्वारा पहले ही गैरकानूनी बताया गया है. फेसबुक पोस्‍ट सिर्फ यही बताता है कि बंद का अर्थ शिवसेना प्रमुख को सम्‍मान देना नहीं है. आयोग ने मामले में पुलिस के रवैये के बाबत सरकार को जिम्‍मेदार बताया था.

Advertisement
Advertisement