बिहार में लू और चमकी बुखार पर मौतों का सिलसिला लगातार जारी है. अब राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) ने स्वास्थ्य प्रणाली में कमियों के कारण हो रही मौतों की रिपोर्ट पर संज्ञान लिया है. इसको लेकर आयोग ने स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय और भारत सरकार को नोटिस जारी किया है. साथ ही चार सप्ताह के भीतर रिपोर्ट मांगी गई है.
बता दें कि बिहार में चमकी बुखार से अब तक 138 बच्चों की मौत हो चुकी है. अकेले मुजफ्फरपुर में 117 बच्चों ने दम तोड़ा है. लगातार हो रही मौतों से केंद्र और बिहार सरकार लोगों और विपक्ष के निशाने पर है.हर कोई सवाल पूछ रहा है कि बच्चों की मौत का सिलसिला कब खत्म होगा? फिलहाल इसका जवाब किसी के पास नहीं है.
हालांकि लोगों और मीडिया के लगातार दबाव के बाद अस्पताल में कूलर लग गए हैं. एसी लग गए हैं, लेकिन बिजली की कमी फिर मुंह चिढ़ा रही है. मुजफ्फरपुर अस्पताल में बिजली का नया ट्रांसफॉर्मर जोड़ दिया गया है. केंद्र से 15 लोगों की टीम आ चुकी हैं, जिनकी मदद ली जा रही है. मुजफ्फरपुर अस्पताल के आईसीयू में 17 बेड और जोड़े गए हैं.
कैदी वार्ड को शिशु वार्ड में बदल दिया गया है. मुजफ्फरपुर प्रशासन ने लोगों को जागरुक करने के लिए 32 लोगों की टीम बनाई है. जिन जगहों से ज्यादा मरीज आ रहे हैं, वहां 10 अतिरिक्त एबुलेंस को लगाया गया है. घर-घर लोगों को ओआरएस बांटने की तैयारी है.
सुप्रीम कोर्ट पहुंचा मामला
चमकी बुखार से बच्चों की मौत पर सरकार घिर चुकी है. इस मामले पर सुप्रीम कोर्ट में सोमवार को सुनवाई होगी. इस मामले में दो वकीलों ने जनहित याचिका दायर की है. याचिका में कहा गया है कि प्रभावित इलाकों में केंद्र और बिहार सरकार को 500 आईसीयू स्थापित करने और मेडिकल एक्सपर्ट टीम भेजने के निर्देश दिए जाएं. साथ ही 100 मोबाइल आईसीयू मुजफ्फरपुर भेजा जाए और मेडिकल बोर्ड बनाया जाए.